शुक्रवार, अप्रैल 05, 2019

नवसंवत्सर की शुभबेला .... गीत - डॉ. वर्षा सिंह

Dr. Varsha Singh

       मेरी ग़ज़ल को web magazine युवा प्रवर्तक के अंक दिनांक 05 अप्रैल 2019 में स्थान मिला है।
युवा प्रवर्तक के प्रति हार्दिक आभार 🙏


गीत

दशों दिशाओं में नूतनता
वंदन है अग- जग का ।।
           नवसंवत्सर की शुभबेला
           अभिनंदन है सबका ।।

गुलमोहर की खिलती कलियां,
अमलतास से सजती गलियां,
पुष्पित महुआ और आम हैं
फूलों से भर जाती डलियां,
        धरा - गगन हो रहे मगन सब
        घट सुगंध का छलका ।।

अनुपम दृश्य प्रकृति का पावन,
भोर- सांझ लगती मनभावन,
मां दुर्गा के नवरूपों का
विधि- विधान से होता पूजन,
         होम-हवन कर्पूर-धूप से
         घर- मंदिर सब महका ।।

भारत स्वच्छ और सुंदर हो,
दिन- दूना रंग- रूप प्रखर हो,
रहे सदा सर्वोच्च विश्व में
नित नवीन गुणगान मुखर हो,
          उज्जवल मुखड़ा स्वर्ण सरीखा
          रहे हमेशा दमका ।।
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कृपया पत्रिका में मेरी ग़ज़ल पढ़ने हेतु इस Link पर जायें....

http://yuvapravartak.com/?p=13029


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