गुरुवार, अप्रैल 22, 2021

छोड़ गईं मां हमें अकेला | स्वर्गीय माता जी डॉ. विद्यावती "मालविका" की स्मृतियों को नमन | डॉ. वर्षा सिंह

स्वर्गीय माता जी डॉ. विद्यावती "मालविका" की स्मृतियों को हृदय की गहराइयों से नमन

स्व. डॉ. विद्यावती "मालविका"
जन्म 13 मार्च 1928 - निधन 20 अप्रैैैल 2021

😥😥😥😥
छोड़ गईं मां हमें अकेला...

दीपक जल कर फैलाता है
यादों का उजियाला
मां ने किस ममता से हमको
संघर्षों में पाला

लगा हुआ है जग का मेला
छोड़ गईं मां हमें अकेला
पल-पल भारी सी लगती है
आज कठिन यह दुख की बेला

भूख-प्यास सब गायब जैसे
भाता नहीं निवाला

माना यह दुनिया है फानी
सबकी लगभग एक कहानी
किन्तु ये मन है नहीं मानता
सुनना चाहे मां की बानी

आएं कितनी "वर्षा" ऋतुएं
बुझे न मन की ज्वाला

      🙏 😥 डॉ. वर्षा सिंह

मंगलवार, अप्रैल 13, 2021

नवसंवत्सर आ गया | दस दोहे नवसंवत्सर के | नवसंवत्सर 2078 की शुमकामनाएं | डॉ. वर्षा सिंह

Dr. Varsha Singh!'s blog

दस दोहे : नवसंवत्सर के अवसर परः
- डॉ. वर्षा सिंह

नवसंवत्सर आ गया, लेकर नव उल्लास ।

हर्षित होंगे जन सभी, पूरा है विश्वास ।।


चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा, विकसित होगा सोम ।

होगी हर्षित यह धरा, पुलकित होगा व्योम ।।


फलियां भरे बबूल हैं, हरियाले हैं बांस।

महुआ फूले हैं यहां, पुष्पित वहां बुरांस।।


मिटे शीत के चिन्ह सब, बढ़ा ताप दिन-रात।

सांझ होती है देर से, होता शीघ्र प्रभात।।


आई है नवरात्रि भी, अर्चन, पूजन, ध्यान।

दसों दिशाओं गूंजता, मां दुर्गा का गान।।


वन में छटा बिखेरते, जैसे फूल शिरीष

"वर्षा" के माथे रहे, माता की आशीष ।


शक संवत भी देश का, विक्रम जन-जन मीत ।

दोनों हैं इस देश के, रखिए इनसे प्रीत ।।


कोरोना की आपदा, मिट जाए जड़-मूल।

क्षमा करें प्रभु आप अब, मानव की हर भूल।।


अपने दुख को भूल कर, करें जगत कल्याण।

परमारथ में कीजिए, न्यौछावर ये प्राण।।


"वर्षा" की शुभकामना, करें आप स्वीकार ।

ख़ुशियों की बरसात हो,  आनंदित संसार ।।


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