स्वर्गीय माता जी डॉ. विद्यावती "मालविका" की स्मृतियों को हृदय की गहराइयों से नमन
😥😥😥😥
छोड़ गईं मां हमें अकेला...
दीपक जल कर फैलाता है
यादों का उजियाला
मां ने किस ममता से हमको
संघर्षों में पाला
लगा हुआ है जग का मेला
छोड़ गईं मां हमें अकेला
पल-पल भारी सी लगती है
आज कठिन यह दुख की बेला
भूख-प्यास सब गायब जैसे
भाता नहीं निवाला
माना यह दुनिया है फानी
सबकी लगभग एक कहानी
किन्तु ये मन है नहीं मानता
सुनना चाहे मां की बानी
आएं कितनी "वर्षा" ऋतुएं
बुझे न मन की ज्वाला
🙏 😥 डॉ. वर्षा सिंह
प्रिय वर्षा जी, निशब्द कर गए आपके विकल मन के ये भाव! माँ को सदा के लिए खोंना बहुत मर्मांतक है! उसकी ममता की छाया से वंचित होना बहुत बड़ा घाव है जीवन का! यही कहूँगी धैर्य बनाये रखें! आपको भी सभी दायित्व संभालने हैं! पुण्यात्मा मां की पुण्य स्मृति को सादर नमन! वे संस्कार रूप में आपके भीतर सदैव जीवित रहेंगी! 🙏🙏🌹🙏🙏
जवाब देंहटाएंवर्षा जी ,
जवाब देंहटाएंमन के उदगार बहुत खूबसूरती से व्यक्त किये हैं ... माँ का अहसास हमेशा ही साथ रहता है ... बस यही प्रार्थना है कि आपको और शरद जी को ईश्वर धैर्य दे ..
प्रिय वर्षा जी , ईश्वर से प्रार्थना है कि आपको और शरद जी दुख सहने की शक्ति दे और माँ की पुण्य आत्मा को शांति🙏🙏
जवाब देंहटाएंसादर नमस्कार,
जवाब देंहटाएंआपकी प्रविष्टि् की चर्चा शुक्रवार ( 25-04-2021) को
"धुआँ धुआँ सा आसमाँ क्यूँ है" (चर्चा अंक- 4047) पर होगी। चर्चा में आप सादर आमंत्रित हैं।
धन्यवाद.
…
"मीना भारद्वाज"
कृपया शुक्रवार के स्थान पर रविवार पढ़े । धन्यवाद.
हटाएंवर्षा जी आपको और शरद जी को ईश्वर इस दुख की घड़ी में धैर्य और शक्ति दे,हम सब आपकी इस दुख की घड़ी में साथ हैं,मेरी तरफ से आदरणीय माता जी को शत शत नमन 🙏🙏
जवाब देंहटाएंछोड़ गईं मां हमें अकेला...
जवाब देंहटाएंदीपक जल कर फैलाता है
यादों का उजियाला
मां ने किस ममता से हमको
संघर्षों में पाला....
माँ, एक सुखद अनुभव का नाम है। दूजा और नही वैसा, जैसी माँ। ।।।
अपने मन के भावों की अभिव्यक्ति से आपने इसे और भी साकार किया है।
उन्हें सादर नमन।।।।।
बहुत ही सुंदर रचना। ।।।
ईश्वर से प्रार्थना है कि वह आपको और शरद जी को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें। निशब्द करते मर्मस्पर्शी भाव रचना के,बस यही कहूँगी कि धैर्य बनाए रखिए।
जवाब देंहटाएंमाता जी सादर नमन 🙏 ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे 🙏
पूज्य माता जी की आत्मा को भगवान शांति प्रदान करें और आप परिवारी जनों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें सादर श्रद्धांजलि भावपूर्ण आपकी रचना
जवाब देंहटाएंपूज्य माता जी के जाने का गम में भली-भांति जान सकता हूं कि मेरी पूज्य माता जी भी अब इस दुनिया में नहीं है.
पूज्य माँ को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि...मन के विकल भाव बहुत ही हृदयस्पर्शी हैं भगवान आपको और आपके परिवार को धैर्य प्रदान कर दुख सहने की शक्ति दे।
जवाब देंहटाएंमाँ को शत शत नमन और श्रद्धांजलि !
जवाब देंहटाएंसादर नमन
जवाब देंहटाएंओह ये बहुत दुखद है वर्षा जी।
जवाब देंहटाएंअपने आप को और परिवार को संभाले दिवंगत आत्मा ऊंच पद को आग्रसर हो ।
सादर श्रद्धांजलि।
आपकी भावुक पंक्तियां नयन नम कर गई।
धैर्य धारण करें।
माँ के खोने का ग़म समझ सकती हूँ. 4 माह पहले मेरी माँ भी चली गई. बहुत भावुक रचना. बधाई.
जवाब देंहटाएंनमन !
जवाब देंहटाएंअगर माँ की किसी कारण डेथ हो जाती है तो कोई क्या कर सकता है पर जो माँ अपने 3 साल के बच्चे को छोड़ कर हरिद्वार मै साध्वी बन जये तो उस बच्चे पर और उस के पापा पर क्या गुजरेगी ये वो हीसमझ सकता है वो पिता का क्या हालत होंगी ये सिर्फ वो ही समझ सकता है 🙏🏿
जवाब देंहटाएंकेशी निर्दई माँ होंगी जब रात भर बच्चा अपनी माँ के लिए रोता रहता है
जवाब देंहटाएं