मंगलवार, अक्तूबर 14, 2014

मन तुम्हारी याद में....

poetry of varsha singh

दिल बंजारा....

poetry of varsha singh

‘वर्षा’ हो ज़रा बरसो.....

 poetry of varsha singh

नया इक आसमां होगा....

poetry of varsha singh

शायराना हो गई है......

poetry of varsha singh

सोचती हूं.....


poetry of varsha singh

तेरे मेरे बीच में.....

poetry of varsha singh

उसकी यादें....

poetry of varsha singh

हाल क्या है ????......

poetry of varsha singh

राज़ वो ही बता ये पाएगाा......

poetry poetry poetry of varsha singh,

न जाने कौन सा....

poetry of varsha singh

चलो अच्छा हुआ.....

poetry of varsha singh

हर इक ख़्वाहिश कभी पूरी नहीं होती....

poetry of varsha singh

पांव जब भी उठे तेरी जानिब.....

Poetry of  Varsha Singh