रविवार, सितंबर 29, 2019

मैं और मेरे ग़ज़ल संग्रह

यूं तो पिछले अनेक वर्ष से मैं यानी इस ब्लॉग की लेखिका डॉ. वर्षा सिंह हिंदी गजल लिख रही हूं। अभी तक मेरे 5 गजल संग्रह और हिन्दी ग़ज़ल की आलोचना पर एक पुस्तक प्रकाशित भी हो चुकी है , किंतु आजीविका की व्यस्तता के चलते नये संग्रह के प्रकाशन में व्यवधान आता रहा है। लेकिन लेखन ज़ारी रहा। सोशल मीडिया पर भी सतत रूप से मैं अपनी गजलों देती रही हूं। पत्र- पत्रिकाओं में लिखती, प्रकाशित होती रहती हूं। उम्मीद हूं कि मेरा नया ग़ज़ल संग्रह शीघ्र ही प्रकाशित हो सकेगा। 😊

मेरे प्रकाशित ग़ज़ल संग्रह  -
सर्वहारा के लिए
                    वक़्त पढ़ रहा है
                    हम जहां पर हैं
                    सच तो ये है
                    दिल बंजारा

     
आलोचना पुस्तक  - हिन्दी ग़ज़ल : दशा और दिशा



ग़ज़ल संग्रह ... सर्वहारा के लिए - डॉ. वर्षा सिंह


ग़ज़ल संग्रह ... वक़्त पढ़ रहा है - डॉ. वर्षा सिंह

ग़ज़ल संग्रह ... हम जहां पर हैं - डॉ. वर्षा सिंह

ग़ज़ल संग्रह ... सच तो ये है - डॉ. वर्षा सिंह

ग़ज़ल संग्रह ... दिल बंजारा - डॉ. वर्षा सिंह
आलोचना... हिन्दी ग़ज़ल : दशा और दिशा



शनिवार, सितंबर 14, 2019

🌺 हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🌺

डॉ. वर्षा सिंह


हिंदी केवल एक भाषा नहीं बल्कि एक ऐसी संस्कृति है जिसने हिंदुस्तान को विश्व में नई पहचान दिलाई है। इसलिए सभी को एकजुट होकर हमारे मान स्वाभिमान की भाषा हिंदी को नए आयाम तक पहुंचाना होगा।
 जय हिंदी ! जय भारत !


सोमवार, सितंबर 02, 2019

🚩 गणेश चतुर्थी की सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं 🚩


🚩आज दिनांक 02 सितम्बर 2019 को गणेश चतुर्थी यानी हिंदू कैलेन्डर के अनुसार भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है, साथ ही आज से प्रारंभ होगा अनंत चतुर्दशी तक मनाया जाने वाला दस दिवसीय गणेशोत्सव....
  तो आइए, लोककल्याण की पावन भावना के साथ हम सभी विघ्नहर्ता, मंगलकर्ता, प्रथम पूज्य गणपति बाप्पा बुद्धि एवं समृद्धि के आराध्य देव भगवान श्री गणेश का स्मरण, ध्यान, पूजन, अर्चन करें ...

🚩ॐ गंगणपतये नमो नम:
श्री सिध्धीविनायक नमो नम:
अष्टविनायक नमो नम:
गणपती बाप्पा मोरया 🚩


         🚩भगवान गणेश के बारह नामों का यह पाठ संकटनाशक स्तोत्र के नाम से भी जाना जाता है। इस मंत्र स्तोत्र में भगवान गणेश के बारह नामों का स्मरण किया गया है  - 
🚩 प्रणम्यं शिरसां देवं गौरीपुत्र विनायकम्।
भक्तावासं स्मरेन्नित्मायु: कामार्थसिद्धये।।
🚩 प्रथमं वक्रतुण्डं च एकदतं द्वितीयकंम्।
तृतीयं कृष्णपिङ्गाक्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम्।।
🚩 लम्बोदरं पञ्चमं च षष्ठं विकटमेव च।
सप्तमं विघ्नराजं च धूम्रवर्णं तथाष्टमम्।।
🚩 नवमं भालचद्रं च दशमं तु विनायकम।
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननमं।।
🚩 द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्यं यं पठेन्नर:।
न च विघ्रभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं प्रभो।।
🚩 विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनं।
पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम।।
🚩 जपेद्गणपतिस्तोत्रम षड्भिर्मासै: फलं लभेत।
संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशय:।।
🚩 अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्य लिखित्वा य: समर्पयेत।
तस्य विद्याभवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत:।। 🚩