रविवार, फ़रवरी 14, 2021

दस दोहे वसंत पर | फिर वसंत है ट्रेंड में, हैशटैग में प्रेम | डॉ. वर्षा सिंह

Dr. Varsha Singh

दस दोहे वसंत पर :  

    फिर वसंत है ट्रेंड में, हैशटैग में प्रेम

                      - डॉ. वर्षा सिंह

सबकी अपनी चाहतें, सबके अपने फ्रेम।
फिर वसंत है ट्रेंड में, हैशटैग में प्रेम।।

युवा नहीं पहचानते, सेमल और पलाश।
नेट-चैट पर है टिकी, उनकी सकल तलाश।।

अर्थहीन सम्वाद पर,  होता डाटा खर्च।
यूनिक मैसेज के लिए, गूगल करते सर्च।।

कुहरे के संजाल में, धरती थी बेहाल।
शीतलहर भी पूछती, हंस कर पूरा हाल।।

कोरोना के त्रास में, गुज़रा पूरा साल ।
वैक्सीन ले आ गई, आशा भरा गुलाल।।

जंगल हरियाले हुए, बाग हुए रंगीन।
सरसों फूली खेत में, शहर स्वयं में लीन।।

धीरे-धीरे बढ़ रहा, सूरज वाला ताप ।
कानों में पड़ने लगी, फागुन की पदचाप।।

मुक्ति रजाई से मिली, हुई कुनकुनी धूप।
निखरा-निखरा लग रहा, मौसम का यह रूप।।

माघ शुक्ल की पंचमी, प्रकृति करे श्रृंगार ।
वर देती वागीश्वरी, विद्या का उपहार।।
  
"वर्षा" की शुभकामना, रहें सभी ख़ुशहाल।
अपनेपन का, प्रेम का, मौसम रहे बहाल।।

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35 टिप्‍पणियां:

  1. अद्भुत सृजनात्मकता वर्षा जी ! प्रकृति का और जनमानस का सूक्ष्म वर्णन बहुत कुशलता और सुन्दरता से उभर कर आया है दोहों में । मानव मन और प्रकृति की कुशल चितेरी हैं आप 🙏🌹🙏

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    1. हार्दिक धन्यवाद प्रिय मीना जी... आपने मेरे सृजन को सराहा यह मेरे लिए अत्यंत प्रसन्नता का विषय है। 🙏

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  2. ऋतुराज और आधुनिक समाज के मेलबंध से उभरती हुई रचना मुग्ध करती है, दोहों का सृजन असाधारण है, बधाई हो आदरणीया साधुवाद सह।

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    1. आदरणीय सान्याल जी, आपकी टिप्पणी ने मेरा उत्साहवर्धन किया बहुत धन्यवाद 🙏

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  3. बहुत सुन्दर प्रश्न करते समसामयिक यथार्थ पूर्ण दोहे..

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    1. शुक्रिया तहेदिल से, प्रिय जिज्ञासा जी 🙏

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  4. नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा सोमवार 15 फ़रवरी 2021 को चर्चामंच <a href="https://charchamanch.blogspot.com/ बसंत का स्वागत है (चर्चा अंक-3978) पर भी होगी।

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  5. समसामयिक प्रसंग पर समसामयिक बिम्बों से युक्त शानदार दोहे!!!
    हार्दिक बधाई 🌹🙏🌹

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    1. बहुत धन्यवाद तहेदिल से प्रिय बहन शरद ❤️

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  6. सारे दोहे एक से बढ़ कर एक । समसामयिक रचे हैं ।

    युवा नहीं पहचानते, सेमल और पलाश।
    नेट-चैट पर है टिकी, उनकी सकल तलाश।।
    सटीक और सटाक से लगा ।

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  7. आदरणीया संगीता स्वरुप ( गीत ) जी,
    सुस्वागतम् 🙏
    एक लम्बी अवधि के बाद ब्लॉग जगत में आपके पुनरा्गमन करने और मेरे ब्लॉग पर पधारने के लिए हार्दिक धन्यवाद 🙏
    अपने ब्लॉग पर आपकी टिप्पणी के ज़रिए आपकी उपस्थिति को महसूस करना वाकई शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकने वाला अहसास है।
    बस यही कहना चाहूंगी कि इसी तरह ब्लॉग जगत से सम्बद्ध रह कर हम सभी का मार्गदर्शन करती रहें।
    मेरे दोहों को पसन्द करने के लिए हृदयतल की गहराइयों से आपके प्रति हार्दिक धन्यवाद 🙏
    सादर,
    शुभकामनाओं सहित,
    डॉ. वर्षा सिंह

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  8. आपके स्नेह और आदर के लिए आभारी हूँ।
    सस्नेह
    संगीता स्वरूप

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  9. उत्तर
    1. हार्दिक धन्यवाद ज्योति देहलीवाल जी 🙏

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  10. आज तो आपने हाई टेक ग़ज़ल ल‍िख डाली...वा‍ह डा. वर्षा जी

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    1. बहुत शुक्रिया अलकनंदा जी 🙏
      निवेदन करना चाहूंगी कि ये ग़ज़ल नहीं दोहे हैं।

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  11. बहुत सुंदर रचना बधाई आपको आदरणीय

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  12. वाह ! आदरणीया वर्षा जी, वाह !

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  13. हैशटैग में प्रेम...वाह!गज़ब के दोहे आदरणीय दी।
    सादर

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  14. वाह क्या बात है
    शानदार गजल
    बधाई

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    1. अरे नहीं आदरणीय ज्योति खरे जी, शानदार ग़ज़ल नहीं... दोहे कहिए ...
      इन्हें पसन्द करने के लिए शुक्रिया तहेदिल से 🙏

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  15. वाह ! वसंत के आगमन पर सुंदर मनमोहक दोहे, वर्तमान और अतीत को एक साथ समेटते हुए से !

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    1. हार्दिक धन्यवाद आदरणीया अनिता जी 🙏

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  16. लाजवाब दोहे, बहुत खूब लिखा है

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  17. सहज शब्दों में सरल बात खूब लिखा है

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