बुधवार, अप्रैल 08, 2020

लॉकडाउन में घर में ही रहें - डॉ. विद्यावती "मालविका".... प्रस्तुति डॉ. वर्षा सिंह

Dr. Varsha Singh

       "कोरोना लॉकडाउन और हम" के अंतर्गत web magazine युवा प्रवर्तक के अंक दिनांक 08 अप्रैल 2020 में मेरी माता जी डॉ. विद्यावती सिंह "मालविका" के विचार प्रकाशित किए गए हैं।
युवा प्रवर्तक के प्रति हार्दिक आभार 🙏
मित्रों, यदि आप चाहें तो पत्रिका में इसे इस Link पर भी पढ़ सकते हैं ...
http://yuvapravartak.com/?p=28459

डॉ. विद्यावती "मालविका"


लॉकडाउन में घर में ही रहें
    - डॉ. विद्यावती "मालविका"
    वरिष्ठ साहित्यकार, सागर

    मेरे जीवन में अनेक उतार-चढ़ाव आए। मुझे अनेक प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ा लेकिन मैंने अपनी 90 वर्ष की आयु में पहली बार ऐसी तालाबंदी देखी है। ब्रिटिश काल में तो कई बार कर्फ्यू की स्थिति बन जाती थी और इसी प्रकार दंगे फसाद के समय भी कर्फ्यू लगाया जाता था लेकिन लॉकडाउन मैंने अपने जीवन में पहली बार देखा है, जब मंदिर के पट भी बंद हैं और अस्पतालों में ओपीडी भी बंद कर दी गई है। पहले जब कर्फ्यू लगाया जाता था तो उस कर्फ्यू के नियमों को तोड़ने वालों पर पुलिस के डंडे चलते थे या उन्हें जेल भेज दिया जाता था, लेकिन आज पुलिसकर्मी अपनी जान जोखिम में डाल कर लॉकडाउन के नियमों का पालन करा रहे हैं। यदि हम नियमों का पालन नहीं करेंगे, सोशल डिस्टेंसिंग नहीं बनाएंगे  तो हम अपने स्वास्थ्य से ही नहीं बल्कि अपने परिवार के, अपने पड़ोसियों के, अपने देशवासियों के स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाएंगे। यह जीवन और मृत्यु का सवाल है अतः हमें इसे गंभीरता से लेना होगा। कोरोना वायरस को किसी भी हाल में और फैलने नहीं देना है।
     मेरी दोनों बेटियां - बड़ी बेटी डॉ. वर्षा सिंह और छोटी बेटी डॉ. शरद सिंह पहले की तरह मेरा बहुत ख़याल रखती हैं। मुझे चिंतामुक्त रखने के लिए कोरोना से संबंधित अपडेट्स बताती रहती हैं। वे दोनों लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कर रही हैं। इसे देख कर मेरी चिंता यूं भी कम हो जाती है । इन दिनों मैं दूरदर्शन पर रामायण और महाभारत देख रही हूं। इन्हें फिर से देखना सुखद लग रहा है। हमारी कॉलोनी में शांति रहती है। इसका तो नाम ही है शांति विहार कॉलोनी।
     देश में लॉकडाउन पहली बार किया गया है तो  ऐसा संकट भी तो पहली बार आया है। कोरोना वायरस का असर इतना भीषण है कि पूरा देश, पूरी मानव जाति संकट में आ गई है। इस संकट से उबरने के लिए हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का आह्वान किया था लेकिन दुख है कि लोगों ने उसका ढंग से पालन नहीं किया। जबकि मोदी जी ने हम सभी भारतीय जनता की भलाई के लिए ही जनता कर्फ्यू लगवाया था और अब यह लॉकडाउन लगाया है। कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए अत्यधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। कोरोना वायरस से सम्बन्धित लक्षण यदि किसी भी व्यक्ति में पाए जाते है तो उसे तुरंत नजदीकी हस्पताल में ले जाएं।
     प्रशासन बहुत ठीक कर रही है। प्रशासन की तरह मेरा भी सबसे अनुरोध है कि प्रतिदिन घर में रह कर पूजा-पाठ करें। घर से बाहर बिलकुल नहीं निकलें। ईश्वर तो कण-कण में विराजमान हैं। उनकी पूजा के लिए मंदिर जाना ज़रूरी नहीं है।  ईश्वर भक्ति से प्रसन्न होता है, जोकि घर में रह कर भी उतनी ही श्रद्धा से की जा सकती है। घर में रहें और प्रार्थना करें कि दुनिया में सभी मनुष्य स्वस्थ-प्रसन्न रहें। यह मानें कि ईश्वर हमारी परीक्षा ले रहा है और हमें इस परीक्षा में उत्तीर्ण होना ही है।
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