रविवार, अप्रैल 12, 2020

लॉकडाउन संदर्भित बुंदेली गीत ... समझो भैया, कछू तो समझो - डॉ. वर्षा सिंह

Dr. Varsha Singh

           21 दिन वाले लॉकडाउन के 19 वें दिन आज यह कयास लगाया जा रहा है कि लॉकडाउन की अवधि आगे बढ़ाई जा सकती है... इसके कारण की पड़ताल करते हुए मेरी यह बुंदेली रचना पर भी कृपया गौर फरमाएं....

समझो भैया, कछू तो समझो
       - डॉ. वर्षा सिंह

ई परमेसुर घुमाघुमाई
लाकडाउन ईने बढ़वाई
खूबई सबने भीड़ लगाई
तनकउ बात समझ ने आई

हमने कई थी घरई में रहियो
कहूं बाहरे अबै ने जइयो
काज उपद्री कछु ने करियो
दूरी बना-बना के रखियो
तनक ने छोड़ी ढीठ-ढिठाई
तनकउ बात समझ ने आई

मास्क पहरबे में सरमाये
खुद बहके सबको बहकाये
अब देखो, जो भओ नतीजो
कोरोना के फेर में आये
अब काहे खों देत दुहाई
तनकउ बात समझ ने आई

मोदी जी की बात ने मानी
कर लई खूबई जे मनमानी
मम्मा जू शिवराज की बतियां
हंसी-ठिठोली में बिसरानी
मरघट खों अब भई बिदाई
तनकउ बात समझ ने आई

"वर्षा" ने भी समझा लओ है
हाथ जोड़ सबरो कै दओ है
समझो भैया, कछू तो समझो
जी खों टंटा, रोग नओ है
तुमे समझ में काए ने आई
तनकउ बात समझ ने आई

           ---------------------

मेरी यह ताज़ा बुंदेली रचना आज web magazine युवा प्रवर्तक के अंक दिनांक 12.04.2020 में  प्रकाशित हुई है।
युवा प्रवर्तक के प्रति हार्दिक आभार 🙏
मित्रों, यदि आप चाहें तो पत्रिका में इसे इस Link पर भी पढ़ सकते हैं ...
http://yuvapravartak.com/?p=28886



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें