रविवार, मार्च 08, 2020

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की प्रासंगिकता - डॉ. वर्षा सिंह

Dr. Varsha Singh

     अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आज हिन्दी समाचार पोर्टल हरमुद्दा डॉटकॉम के अंक दिनांक 08 मार्च 2020 में सामाजिक सरोकार के अंतर्गत मेरे विचार शामिल किए गए हैं।
हरमुद्दा डॉटकॉम के प्रति हार्दिक आभार 🙏
मित्रों, यदि आप चाहें तो पोर्टल में इसे इस Link पर भी पढ़ सकते हैं ...
http://harmudda.com/?p=15065

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की प्रासंगिकता

संस्कृत में एक श्लोक है- 'यस्य पूज्यंते नार्यस्तु तत्र रमन्ते देवता:। अर्थात्, जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं। भारतीय संस्कृति में नारी के सम्मान को बहुत महत्व दिया गया है।
नारी सम्मान का स्मरण कराने का दिवस है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस यानी 08 मार्च .... जी हां, विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में समस्त प्रकार की महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए इस दिन को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में उत्सव के रूप में मनाया जाता है। मां, बहन, बेटी, पत्नी... अनेक रूप हैं महिलाओं के। हर रूप में नारी स्तुत्य है।
महिला दिवस मनाने का उद्देश्य नारी को समाज की कुरीतियों से बाहर निकालकर विकास का अवसर प्रदान करना है। महिला दिवस मनाने का वास्तविक मकसद यह है कि महिलाओं को जीवन में बराबरी का दर्जा मिले। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस समाज में महिलाओं के योगदान का जश्न मनाता है, लिंग समानता के लिए लड़ाई के बारे में जागरूकता बढ़ाता है, और उन संगठनों के लिए समर्थन को प्रेरित करता है जो विश्व स्तर पर महिलाओं की मदद करते हैं।
     - डॉ. वर्षा सिंह, सागर (म.प्र.)


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें