शनिवार, मार्च 21, 2020

बारह दोहे कोरोना से जंग पर ..... "जनता कर्फ्यू" - डॉ. वर्षा सिंह

Dr. Varsha Singh
    हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान पर स्वयं, परिवार, समाज और देश के हित में आज हम सब भारतवासी कोरोना वायरस के विरुद्ध जंग में शामिल हो कर "जनता कर्फ्यू " का स्वेच्छा से पालन कर रहे हैं ... तो पढ़िए मेरे बारह दोहे जिन्हें web magazine युवा प्रवर्तक के अंक दिनांक 22 मार्च 2020 में स्थान मिला है।
युवा प्रवर्तक के प्रति हार्दिक आभार 🙏

बारह दोहे कोरोना से जंग पर

"जनता कर्फ्यू"
                    - डॉ. वर्षा सिंह

कोरोना समझे नहीं, रंग, धरम ना जात।
मिल कर लें संकल्प हम, देनी होगी मात।।1।।

कोरोना की आपदा, मनुज रहा है झेल ।
रहें एकजुट हम अगर, यह भी होगा फेल।।2।।

सार्स, इबोला से नहीं ,घबराया इंसान।
कोरोना के घात का, हमको है संज्ञान।।3।।

शहर, देश, दुनिया सभी पर संकट की छांव।
बच कर स्वयं, बचाइए, अपनी बस्ती-गांव।।4।।

बहुत बुरा यह संक्रमण, इतना लीजे जान।
टीका इसका है नहीं, जा सकती है जान ।।5।।

मानव हैं हम, ये सदा हमें रहेगा भान।
करना हमें सदैव है नए-नए संधान।।6।।

कोरोना का भी कभी निकलेगा कुछ तोड़।
वर्तमान में दीजिए सभी बुराई छोड़।।7।।

"जनता कर्फ्यू" में निहित, सबके हित की बात।
इसी तरह दे पायेंगे, कोरोना को मात ।।8।।

वहां सुरक्षित हैं सभी, जहां सतर्क इंसान।
दूर भ्रमों से रह करें सच्चाई का भान ।।9।।

दूरी रखिए आपसी, नहीं घूमने जाएं ।
पालन वह सब कीजिए, जो पी.एम. समझाएं।।10।।

भय मन में मत पालिए, किन्तु न निर्भय होंए ।
सैनेटाइजर से सदा हाथों को मल धोंए ।।11।।

"वर्षा" भारत भूमि पर दिन यह बाइस मार्च।
जग को पथ दिखला रहा, बन कर जलती टार्च ।।12।।
            ----------------
   
मित्रों, यदि आप चाहें तो पत्रिका में इसे इस Link पर भी पढ़ सकते हैं ...
http://yuvapravartak.com/?p=26946



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें