एक - एक शब्द प्यार के अहसासों से सराबोर कर देने वाला ......सच में यह अहसास ऐसा है जिसे कभी भी खुद से जुदा नहीं किया जा सकता ..और आपकी रचना इसकी सार्थकता को दर्शाती है .....आपका आभार
केवल राम जी, मेरे गीत पर आपके आत्मीय विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया है.... हार्दिक धन्यवाद एवं आभार। आपके विचार मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं. कृपया इसी तरह संवाद बनाए रखें.
आईना देखोगे छवि मेरी ही आएगी नज़र, ज़िन्दगी का यूँ अकेले काट न पायेगा सफ़र, प्यार का सच है यही कैसे इसे झुठलाओगे! वाह डा. वर्षा जी, हर पंक्ति हृदय के तार को स्पंदित कर रही है ! सुन्दर गीत के लिए आभार !
Er. सत्यम शिवम जी, आपने शनिवार (30.04.2011) के "चर्चा मंच" हेतु मेरे गीत का चयन किया...... आपके इस अनुग्रह के लिए आपको यदि शुक्रिया मात्र कहूं तो वह नाकाफी रहेगा। बहुत-बहुत आभार......
आदरणीय वर्षा जी, आपकी कविता के हर अल्फाज अपनी समग्रता में परिपूर्ण हैं।यादें ही तो हमारे जीवन की अमूल्य धरोहर हैं। इनके सहारे ही हम जीवन के कितने दुखद पल भी आसानी से भुला जाते हैं।प्रणय गंधी यादें जब मन को आंदोलित करने लगती हैं तो बस एक सुखद अवसाद ही संतोष करा देता है एव हृदय से निकल उठती है एक आवाज-
"हांलाकि तुम भी राहे मुहब्बत में साथ थे, इल्जाम तो तमाम हमारे सर ही गए।" धन्यवाद। मेरे पोस्ट पर आप आमंत्रित हैं।
पूज्य स्व.श्यामाचरणसिंह जी को नमन.यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आप उनकी नातिन हैं.पिताजी के निधन के समय मेरी उम्र मात्र तेरह वर्ष की थी.शिक्षा पूर्ण करने के पश्यात जीविकोपार्जन की आपाधापी में उलझा रहा.वर्ष २००० में पिताजी की प्रतिनिधि कविताओं की एक पुस्तक "बहुजन हिताय-बहुजन सुखाय"प्रकाशित की ,जिसमें उनकी हिंदी,छत्तीसगढ़ी और बाल-कवितायेँ संग्रहित हैं .अब इन्टरनेट के सियानी गोठ(www.gharhare.blogspot.com) में उनके काव्य को संचित करने का प्रयास कर रहा हूँ.
आपके ब्लॉग में आपकी रचनाएँ पढ़ीं.कवितायेँ बहुत ही भाव प्रवण हैं.अत्यंत ही कोमल भावनाओं को सरल शब्दों में उकेरा गया है.प्रसन्नता की बात है कि छंद-बद्ध हैं.परम्परागत तरीके से भावों को पिरोकर तुकांत और छंद बद्ध कविता लिखना अत्यंत ही कठिन कार्य है.इस परम्परा को बनाये रखिये.
मेरी हिंदी कवितायेँ /रचनाएँ (mitanigoth2.blogspot.com) पर उपलब्ध हैं.सुखद संजोग यह भी कि मेरी जीवन संगनी श्रीमती सपना निगम छत्तीसगढ़ी में कवितायेँ/गीत लिखती हैं.उनका ब्लॉग "मितानी गोठ"(mitanigoth.blogspot.com) है.आशा है कि आप हमारे परिवार के तीनों ब्लॉग में आकर हमारा उत्साहवर्द्धन नियमित रूप से करेंगी.
अरुण कुमार निगम जी, आप से बहुत पुराना परिचय प्राप्त कर मुझे भी अत्यंत प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है. आपके तीनों ब्लॉग्स में जा रही हूं. आपने मेरे गीत को सराहा....इसके लिए अत्यंत आभारी हूं मैं आपकी. हार्दिक धन्यवाद! मेरे ब्लॉग पर आपका हमेशा स्वागत है!
चित्र और कविताओं से सुन्दर ब्लॉग प्रस्तुति. डॉ.वर्षा सिंह जी संभव हो तो इन कविताओं को चित्रों के अतिरिक्त यूनिकोड फोंट के टेक्स्ट में भी प्रस्तुत करें ताकि हमारे जैसे मोबाईल और फीड़ से ब्लॉग पढ़ने वाले हजारों लोगों को पढ़ने में सुविधा होगी.
बहुत सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ आपने लाजवाब रचना लिखा है जो काबिले तारीफ़ है! बधाई! मेरे इस ब्लॉग पर भी आपका स्वागत है- http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
प्यार का सच रोज़ बदल जाता है .एक वक्त था आज के नाम -वर ब्लोगियों की रचनाएं भी खेद सहित लौटा देते थे । अब निश्शुल्क सामिग्री अखबार "ब्लॉग "से उठा लेतें हैं .
श्रीमान जी,क्या आप हिंदी से प्रेम करते हैं? तब एक बार जरुर आये. मैंने अपने अनुभवों के आधार आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें हिंदी लिपि पर एक पोस्ट लिखी है.मुझे उम्मीद आप अपने सभी दोस्तों के साथ मेरे ब्लॉग एक बार जरुर आयेंगे. ऐसा मेरा विश्वास है.
How can someone forget the flower's incense,rain and sun. One can find them everywhere. True, such is the nice flavour of your poetry! Keep that great work going...accept my best wishes.
प्यार का सच वास्तव में सच है.इसे झूंठलाना मुमकिन नहीं है. आपकी सुन्दर प्रस्तुति दिल को छूती है. देर से आने के लिए क्षमा चाहता हूँ. मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.आप भी काफी समय से नहीं आयीं हैं. कुछ समय निकालिएगा ,प्लीज.
रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा" , मेरे ब्लॉग पर आने के लिए हार्दिक आभार... आशा करती हूं कि मेरे गीत पर भी अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराने का कष्ट करेंगे.
दानिश जी, आपने मेरे गीत पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है इस हेतु मैं आपकी आभारी हूं. आपके विचार मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं....कृपया इसी तरह संवाद बनाए रखें....
अति सुन्दर--- " प्रीति में है बडी गहराई प्रियतम की आस जब मन में समाई दूर हो या पास मन लेता है अंगडाई..."
--- मैं कहूंगा कि...इतने गूढ, शायद विश्व के सबसे गूढ व महत्व पूर्ण विषय पर सरल, सहज़, सीधे सीधे सम्प्रेषणीय शब्दों मे --क्लिष्ट शब्दावली रहित--- लिखना श्लाघ्य है...बधाई..
वर्षा जी आपने मेरी रचना को पसंद किया ,इसके लिए हार्दिक धन्यवाद. आपका उत्साहवर्धन मुझे नई स्फूर्ति देता रहेगा .आपकी रचनाएँ उच्च स्तर की हैं .बहुत दिनों से नई रचना का इन्तिज़ार है.हमारे पारिवारिक ब्लाग में आते जाते रहिएगा.अब तो आप परिवार की सदस्य ही लगती हैं.आपका हमेशा स्वागत है.
"कुछ लोग असाध्य समझी जाने वाली बीमारी से भी बच जाते हैं और इसके बाद वे लम्बा और सुखी जीवन जीते हैं, जबकि अन्य अनेक लोग साधारण सी समझी जाने वाली बीमारियों से भी नहीं लड़ पाते और असमय प्राण त्यागकर अपने परिवार को मझधार में छोड़ जाते हैं! आखिर ऐसा क्यों?"
यदि आप इस प्रकार के सवालों के उत्तर जानने में रूचि रखते हैं तो कृपया "वैज्ञानिक प्रार्थना" ब्लॉग पर आपका स्वागत है?
एक - एक शब्द प्यार के अहसासों से सराबोर कर देने वाला ......सच में यह अहसास ऐसा है जिसे कभी भी खुद से जुदा नहीं किया जा सकता ..और आपकी रचना इसकी सार्थकता को दर्शाती है .....आपका आभार
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लिखा आपने.
जवाब देंहटाएंसादर
केवल राम जी,
जवाब देंहटाएंमेरे गीत पर आपके आत्मीय विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया है.... हार्दिक धन्यवाद एवं आभार।
आपके विचार मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं.
कृपया इसी तरह संवाद बनाए रखें.
बहुत सुंदर पंक्तियाँ...बहुत खुबसुरत प्रेम भाव..शानदार।
जवाब देंहटाएंयशवन्त माथुर जी,
जवाब देंहटाएंजानकर प्रसन्नता हुई कि आपको मेरा ग़ीत पसन्द आया....
इस उत्साहवर्द्धन के लिए आभारी हूं.
आपको बहुत-बहुत धन्यवाद।
Er. सत्यम शिवम जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरे ग़ीत को पसन्द किया...हृदय से आभारी हूं.
अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद !
प्यार का सच है यही कैसे इसे झूठलाओगे...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति. आभार सहित...
हर जगह मुझे पाओगे ....बहुत खूबसूरत भावों से सजी सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंप्रेम रस में सराबोर..........बहुत ही मनमोहक , सुन्दर गीत
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर मनमोहक गीत।
जवाब देंहटाएंआईना देखोगे छवि मेरी ही आएगी नज़र,
जवाब देंहटाएंज़िन्दगी का यूँ अकेले काट न पायेगा सफ़र,
प्यार का सच है यही कैसे इसे झुठलाओगे!
वाह डा. वर्षा जी, हर पंक्ति हृदय के तार को स्पंदित कर रही है ! सुन्दर गीत के लिए आभार !
@वर्षा जी ,बहुत सुन्दर लिखा है आपने .....जाइये आप कहां जायेंगे .....
जवाब देंहटाएंsunder lagi rachna ........
जवाब देंहटाएंआइना देखो,
जवाब देंहटाएंछवि मेरी ही आएगी नजर.
क्या बात है.. बहुत सुंदर
वाह! सुन्दर कविता. इसे पढ़कर वो गाना याद आ गया.....
जवाब देंहटाएं'अजी रूठकर अब कहाँ जाईएगा.........'
प्यार का सच है यही .........क्या बात है बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंप्यार के सच की सच्ची अभिव्यक्ति...... बहुत ही सुंदर गीत
जवाब देंहटाएंprem ras se poorn kavita
जवाब देंहटाएंसुशील बाकलीवाल जी,
जवाब देंहटाएंमेरे गीत पर आपके आत्मीय विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया है.... हार्दिक धन्यवाद एवं आभार।
संगीता स्वरुप जी,
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद! मेरे ब्लॉग पर आपका हमेशा स्वागत है!
आपके विचारों से मेरा उत्साह बढ़ता है.
सुरेन्द्र सिंह " झंझट " जी,
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद! कृपया इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
देवेन्द्र जी,
जवाब देंहटाएंआपके विचारों का मेरे ब्लॉग्स पर सदा स्वागत है।
आपने मेरे गीत को पसन्द किया आभारी हूं।
ज्ञानचंद मर्मज्ञ जी,
जवाब देंहटाएंअत्यन्त आभारी हूं आपकी......विचारों से अवगत कराने के लिए. हार्दिक धन्यवाद.
निवेदिता जी,
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद !
इस उत्साहवर्द्धन के लिए अत्यन्त आभारी हूं।
सुमन जी,
जवाब देंहटाएंयह जानकर सुखद अनुभूति हुई कि आपको मेरा गीत पसन्द आया। आपको बहुत बहुत धन्यवाद !
Er. सत्यम शिवम जी,
जवाब देंहटाएंआपने शनिवार (30.04.2011) के "चर्चा मंच" हेतु मेरे गीत का चयन किया......
आपके इस अनुग्रह के लिए आपको यदि शुक्रिया मात्र कहूं तो वह नाकाफी रहेगा। बहुत-बहुत आभार......
आपकी संपूर्ण रचना बहुत अच्छी है , लेकिन अंतिम पंक्तियाँ तो बहुत ही प्रभावशाली हैं, जान डाल देती हैं, रचना में ...
जवाब देंहटाएंशानदार अभिव्यक्ति के लिए आभार...
महेन्द्र जी,
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद! मेरे ब्लॉग पर आपका हमेशा स्वागत है!
'साहिल' जी,
जवाब देंहटाएंमेरे गीत पर प्रतिक्रिया देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
आप जैसे शायर...साहित्यकार की बहुमूल्य टिप्पणी ने मेरा उत्साह बढ़ाया है.
सुनील कुमार जी,
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद! मेरे ब्लॉग पर आपका हमेशा स्वागत है!
डॉ॰ मोनिका शर्मा जी,
जवाब देंहटाएंमेरे गीत पर आपके आत्मीय विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया है.... हार्दिक धन्यवाद एवं आभार।
रोशी जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरे ग़ीत को पसन्द किया...हृदय से आभारी हूं.
अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद !
मदन शर्मा जी,
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद।
कृपया इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
बहुत सुन्दर रचना.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लिखती हैं आप.
ढेरों शुभ कामनाएं.
हर जगह मुझे ही पाओगे ...
जवाब देंहटाएंप्यार का यह सच कैसे झुठलाया जा सकेगा !
सुंदर शब्द और संवेदना जब छंद में ढल जायें तो सुंदर गीत लिख उठते है और आपको इसमें महारत हासिल है |बधाई और शुभकामनाएं |
जवाब देंहटाएंsunder sijan ,sarthak prayan , man ko gatiman karate huye bhav .shukriya ji.
जवाब देंहटाएंसहज भाव और ज़बरदस्त सम्प्रेषण क्षमता है इस कविता में.
जवाब देंहटाएंवाह वर्षा जी.
सुँदर भाव प्रवण गीत . प्रेम ही सत्य है . आभार
जवाब देंहटाएंबहुत खूब .. सच कहा गुज़रे लम्हे साथ नही छोड़ते है .... जीवन के साथ साथ चलते हैं ...
जवाब देंहटाएंविशाल जी,
जवाब देंहटाएंआपकी स्नेहयुक्त टिप्पणी के लिए हार्दिक आभार।
वाणी गीत जी,
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद! मेरे ब्लॉग पर आपका हमेशा स्वागत है!
जयकृष्ण राय तुषार जी,
जवाब देंहटाएंअत्यंत आभारी हूं मैं....आपके आत्मीय विचारों ने मेरा उत्साह दुगना कर दिया है.
उदयवीर सिंह जी,
जवाब देंहटाएंआपके विचारों का मेरे ब्लॉग्स पर सदैव स्वागत है।
आपने मेरे गीत को पसन्द किया.... आभारी हूं।
कुंवर कुसुमेश जी,
जवाब देंहटाएंयह जानकर प्रसन्नता हुई कि आपको मेरा ग़ीत पसन्द आया....
इस उत्साहवर्द्धन के लिए आभारी हूं.
आशीष जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरे ग़ीत को पसन्द किया...हृदय से आभारी हूं.
अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद !
दिगम्बर नासवा जी,
जवाब देंहटाएंअत्यन्त आभारी हूं आपकी......विचारों से अवगत कराने के लिए. हार्दिक धन्यवाद.
height of confidence in love,once committed. beautiful...
जवाब देंहटाएंAmit Shrivastav Ji,
जवाब देंहटाएंThank you for visiting my blog!
I am very glad to see your comment on my poem. Hearty thanks.
बहुत बढ़िया लिखा आपने.
जवाब देंहटाएंसादर
संजय कुमार चौरसिया जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरे ग़ीत को पसन्द किया...हृदय से आभारी हूं.
अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद !
वर्षा जी नमस्ते!
जवाब देंहटाएंकितना सही कहा आपने....यादों को भी कोई झुठला सकता है भला!
आदरणीय वर्षा जी,
जवाब देंहटाएंआपकी कविता के हर अल्फाज अपनी समग्रता में परिपूर्ण हैं।यादें ही तो हमारे जीवन की अमूल्य धरोहर हैं। इनके सहारे ही हम जीवन के कितने दुखद पल भी आसानी से भुला जाते हैं।प्रणय गंधी यादें जब मन को आंदोलित करने लगती हैं तो बस एक सुखद अवसाद ही संतोष करा देता है एव हृदय से निकल उठती है एक आवाज-
"हांलाकि तुम भी राहे मुहब्बत में साथ थे,
इल्जाम तो तमाम हमारे सर ही गए।"
धन्यवाद।
मेरे पोस्ट पर आप आमंत्रित हैं।
dhoop varshaa khshboo havaa ,sabme hamen paaoge ...
जवाब देंहटाएंMaanini raadhaabhaav liye hai kavitaa .sundar ,manohar ,bharosaa paidaa karne vaali .....
veerubhai
haan ye sach hai... bahut badhiyaa
जवाब देंहटाएंपूज्य स्व.श्यामाचरणसिंह जी को नमन.यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आप उनकी नातिन हैं.पिताजी के निधन के समय मेरी उम्र मात्र तेरह वर्ष की थी.शिक्षा पूर्ण करने के पश्यात जीविकोपार्जन की आपाधापी में उलझा रहा.वर्ष २००० में पिताजी की प्रतिनिधि कविताओं की एक पुस्तक "बहुजन हिताय-बहुजन सुखाय"प्रकाशित की ,जिसमें उनकी हिंदी,छत्तीसगढ़ी और बाल-कवितायेँ संग्रहित हैं .अब इन्टरनेट के सियानी गोठ(www.gharhare.blogspot.com) में उनके काव्य को संचित करने का प्रयास कर रहा हूँ.
जवाब देंहटाएंआपके ब्लॉग में आपकी रचनाएँ पढ़ीं.कवितायेँ बहुत ही भाव प्रवण हैं.अत्यंत ही कोमल भावनाओं को सरल शब्दों में उकेरा गया है.प्रसन्नता की बात है कि छंद-बद्ध हैं.परम्परागत तरीके से भावों को पिरोकर तुकांत और छंद बद्ध कविता लिखना अत्यंत ही कठिन कार्य है.इस परम्परा को बनाये रखिये.
जवाब देंहटाएंमेरी हिंदी कवितायेँ /रचनाएँ (mitanigoth2.blogspot.com) पर उपलब्ध हैं.सुखद संजोग यह भी कि मेरी जीवन संगनी श्रीमती सपना निगम छत्तीसगढ़ी में कवितायेँ/गीत लिखती हैं.उनका ब्लॉग "मितानी गोठ"(mitanigoth.blogspot.com) है.आशा है कि आप हमारे परिवार के तीनों ब्लॉग में आकर हमारा उत्साहवर्द्धन नियमित रूप से करेंगी.
जवाब देंहटाएंbahut khub sach kaha
जवाब देंहटाएंवाह ... बहुत खूब ।
जवाब देंहटाएंप्रदीप जी,
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद !
इस उत्साहवर्द्धन के लिए अत्यन्त आभारी हूं।
प्रेम सरोवर जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरी कविता को सराहा....यह मेरे लिए प्रसन्नता का विषय है.
अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद !
वीरू भाई जी,
जवाब देंहटाएंआपकी टिप्पणी ने मेरा उत्साहवर्द्धन किया है, जिसके लिए मैं अत्यन्त आभारी हूं।
रश्मि प्रभा जी,
जवाब देंहटाएंआप जैसी सुकवयित्री की टिप्पणी मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं....अपने विचारों से अवगत कराने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
अरुण कुमार निगम जी,
जवाब देंहटाएंआप से बहुत पुराना परिचय प्राप्त कर मुझे भी अत्यंत प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है. आपके तीनों ब्लॉग्स में जा रही हूं.
आपने मेरे गीत को सराहा....इसके लिए अत्यंत आभारी हूं मैं आपकी.
हार्दिक धन्यवाद! मेरे ब्लॉग पर आपका हमेशा स्वागत है!
मीनाक्षी पंत जी,
जवाब देंहटाएंआपके विचार मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं....
कृपया इसी तरह संवाद बनाए रखें.
सदा जी,
जवाब देंहटाएंइस उत्साहवर्द्धन के लिए अत्यन्त आभारी हूं।
आपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
चित्र और कविताओं से सुन्दर ब्लॉग प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंडॉ.वर्षा सिंह जी संभव हो तो इन कविताओं को चित्रों के अतिरिक्त यूनिकोड फोंट के टेक्स्ट में भी प्रस्तुत करें ताकि हमारे जैसे मोबाईल और फीड़ से ब्लॉग पढ़ने वाले हजारों लोगों को पढ़ने में सुविधा होगी.
मेरी यादों से भला तुम दूर कैसे जाओगे..
जवाब देंहटाएंसच ही तो कहा आपने .. जो दिल में बस जाता है उसकी यादें अंतिम सांस तक साथ नहीं छोडती...
बहुत ही सुन्दर
कभी हमारे ब्लॉग भी आये नया हूँ
avinash001.blogspot.com
बहुत ही सुंदर गीत!........
जवाब देंहटाएंविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
bilkul sach kaha.....pyar ka sach to yahi hai...koi mane ya na mane.
जवाब देंहटाएंसंजीव तिवारी जी,
जवाब देंहटाएंआपका सुझाव अच्छा है। हार्दिक धन्यवाद !
अविनाश मिश्र जी,
जवाब देंहटाएंआपके विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया. हार्दिक धन्यवाद एवं आभार।
आपका सदा स्वागत है।
विवेक जैन जी,
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद !
इस उत्साहवर्द्धन के लिए अत्यन्त आभारी हूं।
अनामिका जी,
जवाब देंहटाएंआपके विचार मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं....
कृपया इसी तरह संवाद बनाए रखें.
आपके गीत न केवल भाव प्रधान होते हैं वरन लय मात्रा तक में सुगढ़ ता वाह. ई-मेल हो तो मुझे दीजिये
जवाब देंहटाएंaapka har geet dil ko chhoo leta hai. adbhut hai yah bhi...gunguna raha hoo ise...
जवाब देंहटाएंवर्षा जी , बहुत ही सुन्दर गीत है।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ आपने लाजवाब रचना लिखा है जो काबिले तारीफ़ है! बधाई!
जवाब देंहटाएंमेरे इस ब्लॉग पर भी आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
yahi to sachcha prem hai ,sundar .
जवाब देंहटाएंसहज अभिव्यक्ति ,सुन्दर रचना | बधाई |
जवाब देंहटाएंrastogi.jagranjunction.com
drmanojrastogi.blogspot.com
गिरीश मुकुल जी,
जवाब देंहटाएंयह जानकर सुखद अनुभूति हुई कि आपको मेरा गीत पसन्द आया। आपको बहुत बहुत धन्यवाद !
गिरीश पंकज जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरा गीत गुनगुनाया ....तो मेरा लेखन सार्थक हो गया.
अत्यन्त आभारी हूं आपकी......विचारों से अवगत कराने के लिए.
डॉ॰ दिव्या जी,
जवाब देंहटाएंमेरे गीत पर अपने विचार प्रकट करने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
इसी तरह सम्वाद बनाए रखें।
आपका सदा स्वागत है।
उर्मि चक्रवर्ती जी,
जवाब देंहटाएंआपके विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया. हार्दिक धन्यवाद एवं आभार ....
कृपया इसी तरह सम्वाद बनाए रखें।
ज्योति सिंह जी,
जवाब देंहटाएंइस उत्साहवर्द्धन के लिए अत्यन्त आभारी हूं। आपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
डॉ॰ मनोज रस्तोगी जी,
जवाब देंहटाएंमेरे गीत को पसन्द करने के लिए हार्दिक आभार !
sunder bhavon se saji anmol rachna
जवाब देंहटाएंbadhai
rachana
प्यार का सच रोज़ बदल जाता है .एक वक्त था आज के नाम -वर ब्लोगियों की रचनाएं भी खेद सहित लौटा देते थे ।
जवाब देंहटाएंअब निश्शुल्क सामिग्री अखबार "ब्लॉग "से उठा लेतें हैं .
that was really superb poem
जवाब देंहटाएंsuper like
http://iamhereonlyforu.blogspot.com/
रचना जी,
जवाब देंहटाएंआपके विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया है. हार्दिक धन्यवाद एवं आभार।
वीरू भाई जी,
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने। समय के साथ-साथ बहुत सारी चीजें बदल जाती हैं....
चिराग जी,
जवाब देंहटाएंअत्यन्त आभारी हूं आपकी......
विचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद.
मन के भा्वों की सुन्दर अभिव्यक्ति है । आप मेरे ब्लांग मे आई , मेरा उत्साह बढ़ाया धन्यवाद । आभार ।
जवाब देंहटाएंश्रीमान जी,क्या आप हिंदी से प्रेम करते हैं? तब एक बार जरुर आये. मैंने अपने अनुभवों के आधार आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें हिंदी लिपि पर एक पोस्ट लिखी है.मुझे उम्मीद आप अपने सभी दोस्तों के साथ मेरे ब्लॉग एक बार जरुर आयेंगे. ऐसा मेरा विश्वास है.
जवाब देंहटाएंhappy mothers day :)
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंपर्थ में कुछ सब्जियां जैसे कुंदरू, करेला, भिन्डी ये पेकेट में फ्रोज़ेन मिलते हैं!
जवाब देंहटाएंsach me aap ko bhulana sambhav hi nahi hai .nice post .
जवाब देंहटाएंHow can someone forget the flower's incense,rain and sun. One can find them everywhere. True, such is the nice flavour of your poetry! Keep that great work going...accept my best wishes.
जवाब देंहटाएंआप की रचना पढ कर एक शेर याद आ गया
जवाब देंहटाएंएक बार चाहा था अक्ल ने तुझ को भुलाना
सौ बार जुनूं ने फ़िर तेरी तस्वीर दिखा दी
प्यार का सच वास्तव में सच है.इसे झूंठलाना मुमकिन नहीं है.
जवाब देंहटाएंआपकी सुन्दर प्रस्तुति दिल को छूती है.
देर से आने के लिए क्षमा चाहता हूँ.
मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.आप भी काफी समय से नहीं आयीं हैं.
कुछ समय निकालिएगा ,प्लीज.
ऐसी खूबसूरत इबारत
जवाब देंहटाएंजब यादों में समाईं हों , तो कोई कैसे
भूल पाएगा भला ....
यादों के सिलसिले को हर मन में
बसा पाने में सक्षम रचना .... वाह !!
महेश्वरी कनेरी जी,
जवाब देंहटाएंआप स्वयं सुकवयित्री हैं...मेरे ब्लॉग पर आने के लिए आपको धन्यवाद...
कृपया इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराती रहें।
रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा" ,
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आने के लिए हार्दिक आभार...
आशा करती हूं कि मेरे गीत पर भी अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराने का कष्ट करेंगे.
Minakshi Pant ji,
जवाब देंहटाएंThank you for visiting my blog!
Happy mothers day you too.
You're always welcome on my blogs.
उर्मि चक्रवर्ती जी,
जवाब देंहटाएंयह तो बहुत अच्छी बात है.
जानकारी देने के लिए आपको हार्दिक धन्यवाद.
शिखा कौशिक जी,
जवाब देंहटाएंआपके विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया. हार्दिक धन्यवाद एवं आभार ....
कृपया इसी तरह सम्वाद बनाए रखें।
अश्विनी रॉय 'प्रखर' जी,
जवाब देंहटाएंIt's a pleasure to have you on my blog. regards.
Always welcome your comments on my blogs.
मोहिन्दर कुमार जी,
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा शेर कहा है आपने...शुक्रिया.
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है! अपनी बहुमूल्य टिप्पणी देने के लिए हार्दिक धन्यवाद !
राकेश कुमार जी,
जवाब देंहटाएंमेरे गीत को पसन्द करने और बहुमूल्य टिप्पणी देने के लिए हार्दिक धन्यवाद!
दानिश जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरे गीत पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है इस हेतु मैं आपकी आभारी हूं.
आपके विचार मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं....कृपया इसी तरह संवाद बनाए रखें....
अति सुन्दर---
जवाब देंहटाएं" प्रीति में है बडी गहराई
प्रियतम की आस जब मन में समाई
दूर हो या पास
मन लेता है अंगडाई..."
--- मैं कहूंगा कि...इतने गूढ, शायद विश्व के सबसे गूढ व महत्व पूर्ण विषय पर सरल, सहज़, सीधे सीधे सम्प्रेषणीय शब्दों मे --क्लिष्ट शब्दावली रहित--- लिखना श्लाघ्य है...बधाई..
और कितना वक्त ब्लोगियों को यूं ही तड-पाओगे ,
जवाब देंहटाएंएक सुन्दर पोस्ट लेकर और कब तक आओगे .
वर्षा जी
जवाब देंहटाएंआपने मेरी रचना को पसंद किया ,इसके लिए हार्दिक धन्यवाद. आपका उत्साहवर्धन मुझे नई स्फूर्ति देता रहेगा .आपकी रचनाएँ उच्च स्तर की हैं .बहुत दिनों से नई रचना का इन्तिज़ार है.हमारे पारिवारिक ब्लाग में आते जाते रहिएगा.अब तो आप परिवार की सदस्य ही लगती हैं.आपका हमेशा स्वागत है.
Veerubhai ji,
जवाब देंहटाएंThanks for your hearty comments.Please wait.....
सपना निगम जी,
जवाब देंहटाएंअत्यन्त आभारी हूं आपकी......विचारों से अवगत कराने के लिए.. हार्दिक धन्यवाद.
आपके आत्मीय विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया है.... आभार।
ईं.प्रदीप कुमार साहनी जी,
जवाब देंहटाएंआपको बहुत-बहुत धन्यवाद...मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है। जरूर...आपके ब्लाग पर जा रही हूं.
बहुत प्यारी रचना...
जवाब देंहटाएंbeautiful msg in a few lines !!
जवाब देंहटाएंयही सच है ...शुभकामनायें आपको !
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आपका इंतजार है.
जवाब देंहटाएंआपको 'सरयू' स्नान का न्यौता है.
मेरी कई पोस्ट्स आपका इंतजार कर रहीं हैं.
बहुत सुन्दर और गहरी सोच! साधुवाद!
जवाब देंहटाएं"कुछ लोग असाध्य समझी जाने वाली बीमारी से भी बच जाते हैं और इसके बाद वे लम्बा और सुखी जीवन जीते हैं, जबकि अन्य अनेक लोग साधारण सी समझी जाने वाली बीमारियों से भी नहीं लड़ पाते और असमय प्राण त्यागकर अपने परिवार को मझधार में छोड़ जाते हैं! आखिर ऐसा क्यों?"
यदि आप इस प्रकार के सवालों के उत्तर जानने में रूचि रखते हैं तो कृपया "वैज्ञानिक प्रार्थना" ब्लॉग पर आपका स्वागत है?
समीरलाल जी,
जवाब देंहटाएंआपके विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया है. हार्दिक धन्यवाद एवं आभार।
Jyoti Mishra Ji,
जवाब देंहटाएंThank you for visiting my blog!
It's pleasure to me . I feel honored by your comment.
सतीश सक्सेना जी,
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार...
आशा करती हूं कि मेरे गीत पर इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराने का कष्ट करेंगे.
राकेश कुमार जी,
जवाब देंहटाएंआपको बहुत-बहुत धन्यवाद...मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है। जरूर...आपके ब्लाग पर जा रही हूं.
वैज्ञानिक प्रार्थना,
जवाब देंहटाएंनिमन्त्रित करने हेतु शुक्रिया.
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है! अपनी बहुमूल्य टिप्पणी देने के लिए हार्दिक धन्यवाद !
good combination of reality and imagination.thanks for visiting my blog.
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