मंगलवार, जनवरी 26, 2021

अमृत है गणतंत्र | गीत | गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं | डॉ. वर्षा सिंह


Dr. Varsha Singh

गीत

अमृत है गणतंत्र 
       -डॉ. वर्षा सिंह

शान तिरंगा है, अपनी आन तिरंगा है ।
सारी दुनिया से कह दो सम्मान तिरंगा है।

नहीं झुका है सिर भारत का 
नहीं झुकेगा ये,
विश्वपटल पर गुरु गरिमा से
दिव्य बनेगा ये,
देशभक्ति गौरवगाथा का गान तिरंगा है।
सारी दुनिया से कह दो सम्मान तिरंगा है।

हम भारत के वासी, 
हमको निर्भय रहना है,
अपनी आजादी को हरदम 
अक्षुण्ण रखना है,
हर इक भारतवासी का अभिमान तिरंगा है।
सारी दुनिया से कह दो सम्मान तिरंगा है।

लोकतंत्र की सदा आरती
तन-मन से की है,
संविधान की पंक्ति-पंक्ति को
अदरांजलि दी है,
अमृत है गणतंत्र और वरदान तिरंगा है।
सारी दुनिया से कह दो सम्मान तिरंगा है।

"वर्षा" हमने जन्मभूमि को 
मां का मान दिया,
वीरों ने अपना जीवन 
इस पर कुर्बान किया,
रहे सदा सबसे ऊंचा अरमान तिरंगा है।
सारी दुनिया से कह दो सम्मान तिरंगा है।

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10 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर।
    72वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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    1. हार्दिक आभार आदरणीय शास्त्री जी 🙏
      आपको भी गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बुधवार (27-01-2021) को  "गणतंत्रपर्व का हर्ष और विषाद" (चर्चा अंक-3959)   पर भी होगी। 
    -- 
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
    -- 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।  
    सादर...! 
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 
    --

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    1. आदरणीय डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' जी,
      यह आपकी सदाशयता है कि आपने मेरे इस गीत का चयन चर्चा हेतु किया है।
      हार्दिक आभार 🙏
      सादर,
      डॉ. वर्षा सिंह

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  3. सद्भावना और देश के लिए सुंदर समर्पित भाव लिए बहुमूल्य सृजन ।

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    1. हार्दिक धन्यवाद आदरणीया कुसुम कोठरी जी 🙏

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