कवयित्री / शायरा डॉ. वर्षा सिंह
ये हंसी लगती पराई है ,लगता है ...लिखने की बस!रीत निबाही है ......
ab agar suna to tamam jabab dene honge..fursat hoti hai samajh me bhee aata hai par dar lagta hai
suna, achcha laga
आप फोटो देख के कविता लिखतीं हैं...या...कविता के हिसाब से फोटो खोजतीं हैं...बहरहाल जो भी करतीं हैं...सुकून देता है...
बहुत खूब वर्षा जी |
bahut sundar
हर एक पंक्तियाँ अद्भुत सुन्दर है
प्यारा आवाहन ....आभार आपका !
आपकी पंक्तियों को समर्पित पंक्ति दांतों की मोती से मन को मेरे हुलसाते हैं,अधरों पर मुस्कान तेरी जाने अनजाने जाने हैं ..
sher to dekhe sune lekin masus aaj kiya
ये हंसी लगती पराई है ,
जवाब देंहटाएंलगता है ...लिखने की बस!रीत निबाही है ......
ab agar suna to tamam jabab dene honge..fursat hoti hai samajh me bhee aata hai par dar lagta hai
जवाब देंहटाएंsuna, achcha laga
जवाब देंहटाएंआप फोटो देख के कविता लिखतीं हैं...या...कविता के हिसाब से फोटो खोजतीं हैं...बहरहाल जो भी करतीं हैं...सुकून देता है...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब वर्षा जी |
जवाब देंहटाएंbahut sundar
जवाब देंहटाएंहर एक पंक्तियाँ अद्भुत सुन्दर है
जवाब देंहटाएंप्यारा आवाहन ....
जवाब देंहटाएंआभार आपका !
आपकी पंक्तियों को समर्पित
जवाब देंहटाएंपंक्ति दांतों की मोती से मन को मेरे हुलसाते हैं,
अधरों पर मुस्कान तेरी जाने अनजाने जाने हैं ..
sher to dekhe sune lekin masus aaj kiya
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