कवयित्री / शायरा डॉ. वर्षा सिंह
सुन्दर लगी आपकी हर बातें ..सुन्दर कविता
आदमी से करनी हैं आदमी की बातें ....बेहतर भावाभिव्यक्ति ....अगर हम यह करने में सफल हो जाएँ तो निश्चित रूप से दुनिया का स्वरूप बदल सकता है ...!
Behad achhee rachana!
waah..bahut khoob !!
बहुत सुंदर रचनाक्या कहने
.....बहुत खूब लिखा है आपने ... बेहतरीन प्रस्तुति ।
deep naa bujhe preet ka.geet gaayein ham jeet ka..aandhiyon se baatein karein ...aarti ke....sach me hausla ke sath badbolapan nahi hona chahiye...behad shandaar rachna..sadar badhayee ..aaur apne blog par amantran ke sath
सहज शब्दों में...गहन बातें...
बड़ी सादगी से गहरे अर्थ बता दिए आपने ...शुभकामनायें आपको !
बहुत ही अच्छी रचना |
दीप न बुझे प्रीत का गीत गांए हम जीत का आंधिओँ से करनी है आरती की बातें ... बहुत सुन्दर कविता ...!
सुन्दर लगी आपकी हर बातें ..सुन्दर कविता
जवाब देंहटाएंआदमी से करनी हैं आदमी की बातें ....
जवाब देंहटाएंबेहतर भावाभिव्यक्ति ....अगर हम यह करने में सफल हो जाएँ तो निश्चित रूप से दुनिया का स्वरूप बदल सकता है ...!
Behad achhee rachana!
जवाब देंहटाएंwaah..bahut khoob !!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंक्या कहने
.....बहुत खूब लिखा है आपने ... बेहतरीन प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंdeep naa bujhe preet ka.geet gaayein ham jeet ka..aandhiyon se baatein karein ...aarti ke....sach me hausla ke sath badbolapan nahi hona chahiye...behad shandaar rachna..sadar badhayee ..aaur apne blog par amantran ke sath
जवाब देंहटाएंसहज शब्दों में...गहन बातें...
जवाब देंहटाएंबड़ी सादगी से गहरे अर्थ बता दिए आपने ...
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें आपको !
बहुत ही अच्छी रचना |
जवाब देंहटाएंदीप न बुझे प्रीत का
जवाब देंहटाएंगीत गांए हम जीत का
आंधिओँ से करनी है
आरती की बातें ...
बहुत सुन्दर कविता ...!