कवयित्री / शायरा डॉ. वर्षा सिंह
ye hame sochna hai ..wo bechara kya kahega..sunder prastuti..sadar badhayee aaur amantran ke sath
एक ऐसा प्रश्न जिसका उत्तर श्रमिक वर्ग भी सदियों से माँग रहा है किंतु आज तक जवाब नहीं मिला!सार्थक रचना !
बेहद मार्मिक प्रश्न .....!
मार्मिक
आपकी इस उत्कृष्ठ प्रविष्टि की चर्चा कल मंगल वार 29/5/12 को राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी |
क्या बात हैबहुत सुंदर
दुनिया चलाने वाले तेरे खेल निराले...
गहरी बात....अति उत्तम..
शायद इसी कों किस्मत के खेल कहते हैं ... लाजवाब ...
किससे क्या कहें या दुखवा मैं कासे कहूं मोरी सजनी । मरे पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।
सुन्दर सृजन , बधाई.कृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारकर अपना स्नेह प्रदान करें, आभारी होऊंगा .
ये अक्सर होता है जो बनाता है वो भोगता ही नहीं .आइना दिखाता है हमें वो खुद कभी देखता ही नहीं BEAUTIFUL POST BASED ON LIFE.
ye hame sochna hai ..wo bechara kya kahega..sunder prastuti..sadar badhayee aaur amantran ke sath
जवाब देंहटाएंएक ऐसा प्रश्न जिसका उत्तर श्रमिक वर्ग भी सदियों से माँग रहा है किंतु आज तक जवाब नहीं मिला!
जवाब देंहटाएंसार्थक रचना !
बेहद मार्मिक प्रश्न .....!
जवाब देंहटाएंमार्मिक
जवाब देंहटाएंआपकी इस उत्कृष्ठ प्रविष्टि की चर्चा कल मंगल वार 29/5/12 को राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी |
जवाब देंहटाएंक्या बात है
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
दुनिया चलाने वाले
जवाब देंहटाएंतेरे खेल निराले...
गहरी बात....
जवाब देंहटाएंअति उत्तम..
शायद इसी कों किस्मत के खेल कहते हैं ... लाजवाब ...
जवाब देंहटाएंकिससे क्या कहें या दुखवा मैं कासे कहूं मोरी सजनी । मरे पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर सृजन , बधाई.
हटाएंकृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारकर अपना स्नेह प्रदान करें, आभारी होऊंगा .
ये अक्सर होता है जो बनाता है वो भोगता ही नहीं .
जवाब देंहटाएंआइना दिखाता है हमें वो खुद कभी देखता ही नहीं
BEAUTIFUL POST BASED ON LIFE.