Good Evening Everyone .... !!!!
दिन डूबा और आई शाम
रात की आहट लाई शाम
याद आ गया कोई अपना
मन ही मन मुस्काई शाम
- डॉ. वर्षा सिंह
Good Evening Everyone .... !!!!
दिन डूबा और आई शाम
रात की आहट लाई शाम
याद आ गया कोई अपना
मन ही मन मुस्काई शाम
- डॉ. वर्षा सिंह
हरीसिंह गौर नाम है जिनका
सबके दिल में रहते हैं
बच्चे बूढ़े गांव शहर सब
उनकी गाथा कहते हैं… बच्चे बूढ़े
रोक न पाई निर्धनता भी
बैरिस्टर बन ही ठहरे
उनका चिंतन उनका दर्शन
उनके भाव बहुत गहरे
ऐसे मानव सारे दुख को
हंसते हंसते सहते हैं ...बच्चे बूढ़े
शिक्षा ज्योति जलाने को ही
अपना सब कुछ दान दिया
इस धरती पर सरस्वती को
तन,मन,धन से मान दिया
उनकी गरिमा की लहरों में
ज्ञानदीप अब बहते हैं.. बच्चे बूढ़े
ऋणी सदा बुंदेली धरती
ऋणी रहेगा युवा जगत
युगों युगों तक गौर भूमि पर
शिक्षा का होगा स्वागत
ये है गौर प्रकाश कि जिसमें
अंधियारे सब ढहते हैं.. बच्चे बूढ़े
- डॉ. वर्षा सिंह
मेरी माताश्री श्रीमती डॉ. विद्यावती " मालविका " हिन्दी साहित्य की विदुषी लेखिकाओं में अपना विशिष्ट स्थान रखती हैं। " बौद्ध धर्म पर मध्ययुगीन हिन्दी संत साहित्य का प्रभाव " विषय में पीएच.डी उपाधि प्राप्त डॉ. विद्यावती " मालविका " की लगभग 40 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
पाठक मंच सागर नगर की मासिक गोष्ठी में लेखक साने गुरुजी के उपन्यास "श्याम की मां" (प्रसिद्ध मराठी लेखक एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पांडुरंग सदाशिव साने की मूल मराठी पुस्तक "श्यामची आई " का संध्या पेडणेकर द्वारा हिन्दी अनुवाद ) पर चर्चा हुई.
तस्वीरों में डॉ. वर्षा सिंह, डॉ. शरद सिंह एवं अन्य
Ghazals of Dr Varsha Singh in Samayik Saraswati Oct.-Dec 2017 |
Ghazals of Dr Varsha Singh in Samayik Saraswati Oct.-Dec 2017 |