वर्षा जी बधाई इस सुंदर से प्यारे से गीत के लिए मौसम ही ऐसा है |कैलाश गौतम जी का एक दोहा है ..लगे फूंकने आम के बौर गुलाबी शंख कैसे रहें किताब में हम मयूर के पंख |
प्रेमसरित में डूब कर, निकला है यह गीत, इसी तरह लिखती रहें, बाँटें नित नवनीत. छंद-रूचि है अब कहाँ, बेतुक वाला दौर. लेकिन वर्षा है अलग, बात है इसकी और.. 'वर्षा' के संग 'शरद' का, बना रहे यह साथ. धूम मचे साहित्य में, नाम रहे दिन-रात. सुन्दर गीत के लिए बधाई...
कल "शनिवासरीय चर्चा" में आपके ब्लाग की "स्पेशल काव्यमयी चर्चा" की जा रही है...आप आये और अपने सुंदर पोस्टों की सुंदर काव्यमयी चर्चा देखे और अपने सुझावों से अवगत कराये......at http://charchamanch.blogspot.com/ (5.03.2011)
वर्षा जी हर प्रेमी मन की भावनाओं को भाषा देता बहुत ही सुन्दर गीत........बधाई स्वीकारें। रचनाकार पर आकर मेरी कविता पर प्रतिक्रिया देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
अजनबी ख्वाबों और चाँद की चाँदनी में निखरी हु आपकी रचना बहुत सुन्दर है! एक निवेदनः क्या आप चर्चा मंच के चर्चाकार के रूप में सप्ताह में एक दिन चर्चा करना पसंद करेंगी! -- आपका ई-मेल बहुत खोजा मगर नहीं मिल पाया! इसलिए यहीं पर आपको निमन्त्रण देने चला आया! मेरा ई-मेल है- roopchandrashastri@gmail.com मो.- 09368499921, 09997996437
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक जी, आपके अनुग्रहपूर्ण निमन्त्रण के लिए हृदय से आभारी हूं...जीवन की कतिपय व्यस्तताओं के चलते फिलहाल इस दायित्व का निर्वहन करना मेरे लिए कठिन है... आपकी इस आत्मीयता की मैं सदा अनुगृहीत रहूंगी. सादर नमन !
बहुत ही उतम रचना........."काश कोई ये बताये...क्या हुआ ये?".....बहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएं'चाहतें मीठी चुभन लाने लगी हैं '
जवाब देंहटाएंकोमल भावों का सुन्दर , प्रेमरससिक्त गीत
प्रेमानुभूति से लबरेज़ बहुत बढ़िया गीत है.
जवाब देंहटाएंकविता पाठके के मन को छू लेती है और कवयित्री की सामर्थ्य और कलात्मक शक्ति से परिचय कराती है।
जवाब देंहटाएंEr. सत्यम शिवम जी,
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को पसन्द करने के लिए आभारी हूं।
मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए आपको हार्दिक धन्यवाद!
सुरेन्द्र सिंह " झंझट " जी,
जवाब देंहटाएंइस उत्साहवर्द्धन के लिए आभारी हूं.
कुंवर कुसुमेश जी,
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद।
इसी तरह सम्वाद बनाए रखें।
मनोज कुमार जी,
जवाब देंहटाएंइस उत्साहवर्द्धन के लिए आभारी हूं.
आपको हार्दिक धन्यवाद!
अवनीश सिंह चौहान जी,
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है .
मेरे ब्लॉग से जुड़ने के लिए हार्दिक धन्यवाद!
वर्षा जी बधाई इस सुंदर से प्यारे से गीत के लिए मौसम ही ऐसा है |कैलाश गौतम जी का एक दोहा है ..लगे फूंकने आम के बौर गुलाबी शंख
जवाब देंहटाएंकैसे रहें किताब में हम मयूर के पंख |
मन को छू गई...
जवाब देंहटाएंउम्दा प्रस्तुति ...
बधाई!
बहुत सुन्दर विचार युक्त कविता है |
जवाब देंहटाएंबधाई..
प्रेमसरित में डूब कर, निकला है यह गीत,
जवाब देंहटाएंइसी तरह लिखती रहें, बाँटें नित नवनीत.
छंद-रूचि है अब कहाँ, बेतुक वाला दौर.
लेकिन वर्षा है अलग, बात है इसकी और..
'वर्षा' के संग 'शरद' का, बना रहे यह साथ.
धूम मचे साहित्य में, नाम रहे दिन-रात.
सुन्दर गीत के लिए बधाई...
सुन्दर ख्वाब सजाती बेहतरीन रचना !
जवाब देंहटाएंख़्वाब भी कुछ
जवाब देंहटाएंअजनबी से लग रहे हैं
चांदनी की
चाशनी में पग रहे हैं.
बहुत ही मीठी सी अभिव्यक्ति के लिए आभार.
आपकी कलम निरंतर नवीन आयाम प्रस्तुत कर रही है.
ढेरों शुभ कामनाएं.
जयकृष्ण राय तुषार जी,
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है! आपके विचारों से मेरा उत्साह बढ़ेगा.
इसी तरह सम्वाद बनाए रखें।
डॉ.हरदीप संधु जी,
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आने के लिए आपको धन्यवाद...
आपके विचारों का मेरे ब्लॉग्स पर सदा स्वागत है।
ओम कश्यप जी,
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद!
गिरीश पंकज जी,
जवाब देंहटाएंमैं आपको धन्यवाद भर कहूं तो कम होगा.....बेहद आभारी हूं.
आपके विचारों का सदा स्वागत है।
पी.सी.गोदियाल "परचेत"जी,
जवाब देंहटाएंआपको बहुत बहुत धन्यवाद!
sagebob,
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आने के लिए हार्दिक आभार...
आपको बहुत-बहुत धन्यवाद...
."काश कोई ये बताये...क्या हुआ ये?".....बहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंचाँद की चांदनी में पग रहे है ... बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति खुबसूरत अहसासों की अच्छी लगी , बधाई
जवाब देंहटाएंउदगार जी,
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को पसन्द किया आभारी हूं।
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है! आपके विचारों से मेरा उत्साह बढ़ेगा.
सुनील कुमार जी,
जवाब देंहटाएंआपको बहुत बहुत धन्यवाद!
इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
वर्षा जी ,
जवाब देंहटाएंबहुत लुभावनी चांदनी सी लगी आपकी कविता .बधाई .
बहुत मन भावन रचना ..फूल का सिराहने रखना ...गज़ब की रचना है ...
जवाब देंहटाएंनिवेदिता जी,
जवाब देंहटाएंइस उत्साहवर्द्धन के लिए आभारी हूं.
हार्दिक धन्यवाद!
संगीता स्वरुप जी,
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद!
आपका अपनत्व मुझे हमेशा भावविभोर करता है।
आपकी बेहद आभारी हूं.
lovely post Dr. Varsha ji.Continued please same...
जवाब देंहटाएंआदरणीय वर्षा जी
जवाब देंहटाएंनमस्कार !
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति खुबसूरत अहसासों की अच्छी लगी , बधाई
कुछ दिनों से बाहर होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका
जवाब देंहटाएंमाफ़ी चाहता हूँ
मधुर भाव।
जवाब देंहटाएंकौन बता सकता है, ये क्या है?
Atul Kushwaha Ji,
जवाब देंहटाएंThanks for your comment.
संजय भास्कर जी,
जवाब देंहटाएंआपको बहुत बहुत धन्यवाद!
संजय (मो सम कौन ?) जी,
जवाब देंहटाएंआपको बहुत बहुत धन्यवाद।
इसी तरह सम्वाद बनाए रखें।
बहुत ही सुन्दर एवं कोमल भावनाओं से रची बसी आपकी यह रचना मन को छू गयी ! अति सुन्दर ! बधाई एवं शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंसाधना वैद्य जी,
जवाब देंहटाएंआपके विचारों से मेरा उत्साह बढ़ेगा...
इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराती रहें।
rachna pasand aai ,najuk ahsaas sanjoye huye ....
जवाब देंहटाएंमिलन की आस लिए हुए अच्छी कविता है.
जवाब देंहटाएं---पूनम माथुर
तनहाइयों के उत्कीर्ण आयाम बड़े ही कोमल हैं, जिसमें संयोग की सुरभि सन्निविष्ट है। साधुवाद।
जवाब देंहटाएंज्योति सिंह जी,
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद एवं आभार....
आपके विचारों का मेरे ब्लॉग्स पर सदा स्वागत है।
पूनम माथुर जी,
जवाब देंहटाएंआपको बहुत बहुत धन्यवाद!
परशुराम राय जी,
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद! सम्वाद क़ायम रखें।
bahut umdaa...
जवाब देंहटाएंbahut sundar lay men likhi hain.
जवाब देंहटाएंbahut sunder rachna ......
जवाब देंहटाएंशिवेंद्र सिन्हा जी,
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए आपका शुक्रिया.
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है!
अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
अमित-निवेदिता जी,
जवाब देंहटाएंआपको बहुत बहुत धन्यवाद!
Manpreet Kaur ,
जवाब देंहटाएंThanks for your valuable comments.
I'm going to visit your Blog Lyrics Mantra, just now.
मृदुला प्रधान जी,
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
कृपया इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराती रहें।
सुमन जी,
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद!
मन की कोमल भावनाओं का
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर गीतात्मक वर्णन ...
श्रृंगार रस का महत्त्व दर्शाती हुई
अनुपम कृति .
दानिश जी,
जवाब देंहटाएंआपको बहुत-बहुत धन्यवाद...
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है
आभारी हूं विचारों से अवगत कराने के लिए।
कल "शनिवासरीय चर्चा" में आपके ब्लाग की "स्पेशल काव्यमयी चर्चा" की जा रही है...आप आये और अपने सुंदर पोस्टों की सुंदर काव्यमयी चर्चा देखे और अपने सुझावों से अवगत कराये......at http://charchamanch.blogspot.com/
जवाब देंहटाएं(5.03.2011)
Er. सत्यम शिवम जी,
जवाब देंहटाएंआपको बहुत-बहुत धन्यवाद...
कल का बेसब्री से इंतिज़ार है.
सुनील कुमार जी,
जवाब देंहटाएंआपका स्वागत है। मेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए आपका आभार...
कृपया अपने अमूल्य विचारों से भी अवगत कराते रहें।
वर्षा जी हर प्रेमी मन की भावनाओं को भाषा देता बहुत ही सुन्दर गीत........बधाई स्वीकारें।
जवाब देंहटाएंरचनाकार पर आकर मेरी कविता पर प्रतिक्रिया देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
अजनबी ख्वाबों और चाँद की चाँदनी में निखरी हु आपकी रचना बहुत सुन्दर है!
जवाब देंहटाएंएक निवेदनः
क्या आप चर्चा मंच के चर्चाकार के रूप में सप्ताह में एक दिन चर्चा करना पसंद करेंगी!
--
आपका ई-मेल बहुत खोजा मगर नहीं मिल पाया! इसलिए यहीं पर आपको निमन्त्रण देने चला आया!
मेरा ई-मेल है-
roopchandrashastri@gmail.com
मो.- 09368499921, 09997996437
बधाई ...ये क्या हुआ की ......!!
जवाब देंहटाएंअरे !
जवाब देंहटाएंआप तो फोटोशॉप की भी अच्छी जानकार हैं।
सभी पोस्ट चित्र और फ्रेम में लगाई हैं आपने तो!
जो बहुत आकर्षक लग रहीं हैं!
मालिनी गौतम जी,
जवाब देंहटाएंआपको बहुत-बहुत धन्यवाद...
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
हरकीरत ' हीर' जी,
जवाब देंहटाएंआपका स्वागत है।
कृपया इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराती रहें।
हार्दिक धन्यवाद!
बहुत ही खूबसूरत शब्द ...बधाई इस बेहतरीन अभिव्यक्ति के लिये ।
जवाब देंहटाएंडॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक जी,
जवाब देंहटाएंआपके अनुग्रहपूर्ण निमन्त्रण के लिए हृदय से आभारी हूं...जीवन की कतिपय व्यस्तताओं के चलते फिलहाल इस दायित्व का निर्वहन करना मेरे लिए कठिन है...
आपकी इस आत्मीयता की मैं सदा अनुगृहीत रहूंगी.
सादर नमन !
सदा जी,
जवाब देंहटाएंआपने मेरे गीत को पसन्द किया... आभारी हूं।
हार्दिक धन्यवाद!
bahut sundar kavita...
जवाब देंहटाएंpost prastuti bhi bahut achchi lagi...
ख़्वाब भी कुछ
जवाब देंहटाएंअजनबी से लग रहे हैं
चांदनी की
चाशनी में पग रहे हैं...
बहुत ही सुन्दर रचना जो मन को छू गयी
आप बेहतरीन लिखती हैं
रचना प्रस्तुति का अदाज भी भा गया
बधाई व आभार
सुंदर भाव जगाता गीत।
जवाब देंहटाएंवर्षा जी बधाई
जवाब देंहटाएंमन की कोमल भावनाओं से लबरेज़
सुन्दर गीत के लिए
kaash koi ye bataye kya hua ye?
जवाब देंहटाएंaccha lagi apki rachna
shukriya
कोई होले से दिल को छु के गुज़र जाए तो ऐसा ही होता है ....
जवाब देंहटाएंबहुत लाजवाब लिखा है ..
शुभम जैन जी,
जवाब देंहटाएंआपका स्वागत है।
मेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए....आपका आभार...
प्रतिक्रिया देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
क्रिएटिव मंच-Creative Manch,
जवाब देंहटाएंWelcome in my Blog.
Hearty Thanks for your valuable comments.
अनुराग शर्मा जी,Smart Indian
जवाब देंहटाएंआपके विचारों से मेरा उत्साह बढ़ेगा.
मेरे ब्लॉग पर आने के लिए आपको धन्यवाद...
देवेन्द्र पाण्डेय जी,
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है!
इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
कुश्वंश जी,
जवाब देंहटाएंमेरे गीत पर प्रतिक्रिया देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
Vijay maudgill Ji,
जवाब देंहटाएंThank you for visiting my blog!
and Hearty Thanks for your valuable comments.
दिगम्बर नासवा जी,
जवाब देंहटाएंमेरे गीत पर प्रतिक्रिया देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
आपके विचारों का मेरे ब्लॉग्स पर सदा स्वागत है।
कुश्वंश जी,
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए हार्दिक धन्यवाद!
आपका स्वागत है!
waah...varsha ji bahut sundar abhibaykti...badhai...
जवाब देंहटाएंआरती जी,
जवाब देंहटाएंयह जानकर सुखद अनुभूति हुई कि आपको मेरा गीत पसन्द आया।
आप स्वयं एक अच्छी कवयित्री हैं....आपकी इस आत्मीयता के लिए हार्दिक धन्यवाद !