Dr. Varsha Singh |
मेरी ग़ज़ल को web magazine युवा प्रवर्तक के अंक दिनांक 05 अप्रैल 2019 में स्थान मिला है।
युवा प्रवर्तक के प्रति हार्दिक आभार 🙏
गीत
दशों दिशाओं में नूतनता
वंदन है अग- जग का ।।
नवसंवत्सर की शुभबेला
अभिनंदन है सबका ।।
गुलमोहर की खिलती कलियां,
अमलतास से सजती गलियां,
पुष्पित महुआ और आम हैं
फूलों से भर जाती डलियां,
धरा - गगन हो रहे मगन सब
घट सुगंध का छलका ।।
अनुपम दृश्य प्रकृति का पावन,
भोर- सांझ लगती मनभावन,
मां दुर्गा के नवरूपों का
विधि- विधान से होता पूजन,
होम-हवन कर्पूर-धूप से
घर- मंदिर सब महका ।।
भारत स्वच्छ और सुंदर हो,
दिन- दूना रंग- रूप प्रखर हो,
रहे सदा सर्वोच्च विश्व में
नित नवीन गुणगान मुखर हो,
उज्जवल मुखड़ा स्वर्ण सरीखा
रहे हमेशा दमका ।।
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कृपया पत्रिका में मेरी ग़ज़ल पढ़ने हेतु इस Link पर जायें....
http://yuvapravartak.com/?p=13029
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