गुरुवार, दिसंबर 24, 2020
🎄🏩⭐ क्रिसमस पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं ⭐🏩🎄
शनिवार, दिसंबर 05, 2020
घर | गीत | डॉ. वर्षा सिंह
गुरुवार, दिसंबर 03, 2020
श्रद्धांजलि | स्व. ललित सुरजन | डॉ. वर्षा सिंह
रविवार, नवंबर 29, 2020
जन्मदिन की शुभकामनाएं | डॉ. (सुश्री) शरद सिंह | डॉ. वर्षा सिंह
Dr. (Miss) Sharad Singh & Dr. Varsha Singh |
Dr. (Miss) Sharad Singh |
संक्षिप्त परिचय
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के पंडित गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार, मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के पं. बालकृष्ण शर्मा "नवीन" पुरस्कार सहित राज्य स्तरीय रामेश्वर गुरू पत्रकारिता सम्मान पुरस्कार, प्रादेशिक वागीश्वरी सम्मान, नई धारा कथा सम्मान, कस्तूरी देवी चतुर्वेदी लोकभाषा सम्मान, रामानंद तिवारी स्मृति प्रतिष्ठा सम्मान, विजय वर्मा कथा सम्मान आदि अनेक सम्मानों से सम्मानित वरिष्ठ लेखिका डाॅ. (सुश्री) शरद सिंह द्वारा लिखित विभिन्न विषयों पर लगभग पचास से अधिक पुस्तकें अब तक प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्होंने शोषित, पीड़ित स्त्रियों के पक्ष में अपने लेखन के द्वारा हमेशा आवाज़ उठाई है। बुन्देलखण्ड की महिला बीड़ी श्रमिकों पर केन्द्रित ‘पत्तों में कैद औरतें’ तथा स्त्री विमर्श पुस्तक ‘औरत तीन तस्वीरें’ मनोरमा ईयर बुक में शामिल की जा चुकी हैं। बेड़िया स्त्रियों पर केन्द्रित ‘पिछले पन्ने की औरतें’ तथा लिव इन रिलेशन पर 'कस्बाई सिमोन' नामक उनके उपन्यासों को राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक स्तर के अनेक सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। उनका एक और उपन्यास "पचकौड़ी" राजनैतिक और पत्रकारिता जगत की पर्तों का बारीकी से विश्लेषण करने वाला पठनीय एवं लोकप्रिय उपन्यास है। हाल ही में डॉ. शरद सिंह का नया उपन्यास "शिखण्डी… स्त्री देह से परे" प्रकाशित हुआ है जो महाभारत के एक प्रमुख पात्र शिखण्डी के जीवन को नए नज़रिए से व्याख्यायित करता है।
29 नवम्बर को पन्ना, मध्यप्रदेश में जन्मीं खजुराहो की मूर्तिकला विषय में पीएचडी , सागर की प्रतिष्ठित साहित्यकार, कथालेखिका, उपन्यासकार, स्तम्भकार एवं कवयित्री और मेरी अनुजा डॉ शरद सिंह वर्तमान में मध्यप्रदेश के सागर नगर में निवास करते हुए स्वतंत्र लेखन के कार्य के साथ नई दिल्ली से प्रकाशित साहित्यिक पत्रिका "सामयिक सरस्वती" में कार्यकारी सम्पादक का दायित्व निभा रहीं हैं एवं पत्र-पत्रिकाओं सहित सोशल मीडिया पर वे लगातार अपनी सक्रियता बनाए हुए हैं। वे मानती हैं कि अधिकारों का ज्ञान और साहस ही स्त्रियों को शोषण-मुक्त जीवन दे सकता है। सागर से प्रकाशित होने वाले दैनिक समाचार पत्र "सागर दिनकर" में उनका नियमित कॉलम "चर्चा प्लस" अनेक समसामयिक मुद्दों पर विश्लेषणात्मक लेखन के लिए प्रबुद्ध पाठकों के बीच अपनी विशिष्ट पहचान बनाए हुए है। इससे पूर्व डॉ. शरद सिंह सागर से ही प्रकाशित होने वाले दैनिक समाचार पत्र "आचरण" में अनेक वर्षों तक "बतकाव" शीर्षक का नियमित कॉलम लेखन कर चुकी हैं।
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शनिवार, नवंबर 14, 2020
दीपावली की शुभकामनाएं | श्री सूक्त | डॉ. वर्षा सिंह
बुधवार, नवंबर 11, 2020
अमावस पूनम सी उजियार | गीत | डॉ. वर्षा सिंह
शनिवार, नवंबर 07, 2020
जीवन | गीत | डॉ. वर्षा सिंह
मंगलवार, अक्तूबर 20, 2020
हरसिद्धी देवी | रानगिर | सागर | नवरात्रि | शुभकामनाएं | डॉ. वर्षा सिंह
गुरुवार, अक्तूबर 01, 2020
वृद्धजन पर कविताएं | अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस | डॉ. वर्षा सिंह
Dr. Varsha Singh |
राष्ट्रपिता गांधी हो जाना सबके बस की बात नहीं | गांधी जयंती विशेष | डॉ. वर्षा सिंह
सत्य अहिंसा को अपनाना सबके बस की बात नहीं
राष्ट्रपिता गांधी हो जाना सबके बस की बात नहीं
आजादी का स्वप्न देखना, देशभक्त हो कर रहना
बैरिस्टर का पद ठुकराना, सबके बस की बात नहीं
एक लंगोटी, एक शॉल में, गोलमेज चर्चा करना
हुक्मरान से रुतबा पाना, सबके बस की बात नहीं
आजादी जिसकी नेमत हो, वही आमजन बीच रहे
लोभ, मोह, सत्ता ठुकराना, सबके बस की बात नहीं
आत्मशुद्धि के लिए निरंतर, महाव्रती हो कर रहना
हंस कर सारे कष्ट उठाना, सबके बस की बात नहीं
सच के साथ प्रयोगों की "वर्षा" में शुष्क बने रहना
ऐसी अद्भुत राह दिखाना, सबके बस की बात नहीं
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