Dr. Varsha Singh |
धनतेरस दिनांक 25.10.2019 पर विशेष
धनवन्तरी की अर्चना
- डॉ. वर्षा सिंह
रश्मि की मंजुल कलाएं, ज्योति के त्यौहार में जगमगाती तारिकाएं, ज्योति के त्यौहार में
स्वास्थ्य-सुख की कामना, धनवन्तरी की अर्चना
आरती करती दिशाएं, ज्योति के त्यौहार में
आरती करती दिशाएं, ज्योति के त्यौहार में
दीप माटी के सजे, फिर आ रही दीपावली
गूंजती पावन ऋचाएं, ज्योति के त्यौहार में
गूंजती पावन ऋचाएं, ज्योति के त्यौहार में
प्रकृति का श्रंगार, स्वर्णिम हार, नख-शिख आभरण
मुग्ध बेसुध व्यंजनाएं, ज्योति के त्यौहार में
मुग्ध बेसुध व्यंजनाएं, ज्योति के त्यौहार में
हासमय उल्लास, कातिक मास, मंगल कामना
नेह सिंचित भावनाएं, ज्योति के त्यौहार में
नेह सिंचित भावनाएं, ज्योति के त्यौहार में
धूप, अक्षत, पान, सुख का गान, आंगन-द्वार पर
इंद्रधनुषी अल्पनाएं, ज्योति के त्यौहार में
इंद्रधनुषी अल्पनाएं, ज्योति के त्यौहार में
रूप की "वर्षा", नई आशा, नए संकल्प से
झूमती नव वर्तिकाएं, ज्योति के त्यौहार में
झूमती नव वर्तिकाएं, ज्योति के त्यौहार में
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मेरी इस ग़ज़ल को धनतेरस के अवसर पर web magazine युवा प्रवर्तक के अंक दिनांक 25 अक्टूबर 2019 में स्थान मिला है।
युवा प्रवर्तक के प्रति हार्दिक आभार 🙏
मित्रों, यदि आप चाहें तो पत्रिका में इसे इस Link पर भी पढ़ सकते हैं ...
http://yuvapravartak.com/?p=20746
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