Dr. Varsha Singh |
कर रहमत की बारिश मौला।
हो पूरी हर ख़्वाहिश मौला।
क़ायम शांति रहे दुनिया में,
सबको दे तू दानिश मौला।
कामयाब हो मंज़िल पाये,
मेरी हर इक कोशिश मौला।
हर घर में चूल्हा जल जाये,
इतनी दे तू आतिश मौला।
नाकामी का चेहरा देखे,
दुश्मन की हर साज़िश मौला।
मिथ्या छुपी मुखौटे भीतर,
दुनिया एक नुमाइश मौला।
"वर्षा" पर भी रहम अता कर,
तुझसे यही गुज़ारिश मौला।
ग़ज़ल - डॉ. वर्षा सिंह |
ग़ज़ल - डॉ. वर्षा सिंह |
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