शनिवार, अक्तूबर 27, 2018

कविता ..... ज़रूरतें - डॉ. वर्षा सिंह

Dr. Varsha Singh

सड़क किनारे
ढाबों की कतारें
देख कर
सोचती हूं मैं
अपनी और अपने परिवार की
पूरी ज़रूरतें पूरी करने के लिए
ये पूरी करते हैं 
उन दूसरों की 
छोटी-छोटी ज़रूरतें
जो अकेले या दोस्तों या परिवार के साथ
अभी सफ़र में हैं


Photo by Dr. Varsha Singh
Photo by Dr. Varsha Singh
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