ख़्वाब जो वल्लभभाई का
ख़्वाब जो था बाबा साहेब का
ख़्वाब वही था नेहरू का
ख़्वाब वही था नेहरू का
हां, ख़्वाब वही था नेहरू का
नाम जवाहरलाल
शख़्सियत से भी वे तेजस्वी थे
अतुल ऊर्जावान
विश्व की वे इक मानी हस्ती थे
आज़ादी तो मिली
दर्द भी हमें मिला बंटवारे का
तब नेहरू ने मंत्र दिया था
सबको स्वयं सहारे का
अपने श्रम से तब मिल कर
इतिहास नया लिख डाला था
हमने नव-भारत का कर
निर्माण रचा उजियाला था
प्रगतिशील, औद्योगिक औ
वैज्ञानिक उन्नति के सपने
विकसित देश बने अपना
संकल्प उठाया था सबने
बांध भाखड़ा नांगल जैसे
बड़े-बड़े थर्मल पावर
बना आधुनिक भारत ऐसा
रही नहीं धरती बंजर
कृषि, उद्योग, स्वास्थ्य, शिक्षा का
क्षेत्र नहीं छूटा कोई
सुदृढ़ हुआ अपना भारत तो
ख़्वाब नहीं टूटा कोई
ख़्वाब जो था बापू गांधी का
ख़्वाब जो वल्लभभाई का
ख़्वाब जो था बाबा साहेब का
ख़्वाब वही था नेहरू का
ख़्वाब वही था नेहरू का
हां, ख़्वाब वही था नेहरू का
बच्चों के वे प्रिय चाचा थे
माताओं के बेटे थे
बहनों के भ्राता स्नेही
सबके बड़े चहेते थे
सबकी अपनी अलग शख़्सियत
सबके अपने रूप अलग
समय, काल औ स्थितियों के
प्रति जो मानव रहे सजग
नाम उसी का जग में होता
जिसने जग को जीत लिया
जनहित में कर काम स्वयं को
सीमित रखना सीख लिया
ऐसे महापुरुष दुनिया में
रोज़ नहीं पैदा होते
जो होते हैं उनको खो कर
भी हम कभी नहीं खोते
याद रहेंगे चाचा नेहरू
और उनके सद्कर्म सभी
यह भारत की भूमि तो उनको
भूल सकेगी नहीं कभी
होता है मतभेद विचारों में
भारत हम सबका है
इसका हित सबसे पहले है
शेष गौण सब किस्सा है
एक ख़्वाब करने में पूरा
जन्म व्यर्थ हो जाता है
धन्य वही है जो ख़्वाबों को
सच की राह दिखाता है
ख़्वाब जो था बापू गांधी का
ख़्वाब जो वल्लभभाई का
ख़्वाब जो था बाबा साहेब का
ख़्वाब वही था नेहरू का
ख़्वाब वही था नेहरू का
हां, ख़्वाब वही था नेहरू का
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युवा प्रवर्तक के प्रति हार्दिक आभार 🙏
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