Dr. Varsha Singh |
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Sach To Yeh Hai - Ghazal Book, Author Dr.Varsha Singh, Ghazalkar |
रेशमी फूल हवा भी ताज़ा
ख़त मेरे नाम क्यों नहीं आया
दौड़ती, भागती हुई दुनिया
इस सड़क को कहीं नहींं जाना
सच तो ये है कि एक ख़ामोशी
कह रही आज शोर की गाथा
उम्र मेरी तमाम भीग गई
चूम कर वो गया मेरा माथा
धूप- " वर्षा " का ये अजब मौसम
बर्फ सी रात, दिन हुआ पारा
First flap of " Sach To Yeh Hai " - Ghazal Book, Author Dr.Varsha Singh |
Second flap of " Sach To Yeh Hai " - Ghazal Book, Author Dr.Varsha Singh |
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