कवयित्री / शायरा डॉ. वर्षा सिंह
जहां -जहां भी जाये मनवा अपनी चाहत को पाये, इर्दगिर्द चौतरफा हरदम ख़ुशियों वाला घेरा हो । आंसू दूर रहें आंखों से होंठों पर मुस्कान बसे, दुख ना आये कभी किसी पर सिर्फ़ सुखों का फेरा हो । - डॉ वर्षा सिंह
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