Varsha Singh
कवयित्री / शायरा डॉ. वर्षा सिंह
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फोटो गैलरी -2
मंगलवार, अगस्त 22, 2017
हमने देखा है ...
नहीं हों ग़म
तो ख़ुशी का भी
कुछ पता न चले.
सुबह मिलेगी तभी
जब कि लम्बी रात ढले.
हमने देखा है
उदासियों के पार जाने पर
ख़ुशी का प्यार मिले
और हंसी का फूल खिले.
- डॉ वर्षा सिंह
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