कवयित्री / शायरा डॉ. वर्षा सिंह
बहुत बढ़िया ||
बहुत सुन्दर |||:-)
सुन्दर अभिव्यक्ति !
सुंदर।वैसे चाँद बादल में रहकर भी जमीं को अपनी खामोश उपस्थिति का अहसास करा ही देता है।सादर-देवेंद्रमेरी नयी पोस्ट- कार्तिकपूर्णिमा
khubsurat kshanika...:)
khubsurat....
खुबसूरत आँखों की ख्वाहिश
बहुत बढ़िया ||
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर |||
जवाब देंहटाएं:-)
सुन्दर अभिव्यक्ति !
जवाब देंहटाएंसुंदर।वैसे चाँद बादल में रहकर भी जमीं को अपनी खामोश उपस्थिति का अहसास करा ही देता है।
जवाब देंहटाएंसादर-
देवेंद्र
मेरी नयी पोस्ट- कार्तिकपूर्णिमा
khubsurat kshanika...:)
जवाब देंहटाएंkhubsurat....
जवाब देंहटाएंखुबसूरत आँखों की ख्वाहिश
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