दिल की बे -करारी का भाव गीत ,विरह अग्नि में कांटे बन गए कर्ण फूल... यही तो है इश्क की बे -करारी - न कोई वक्त ,न कोई उम्मीद , न कोई वायदा , खड़े थे रहगुज़र पर , करना था तेरा इंतज़ार ......
यशवन्त माथुर जी, यह जानकर सुखद अनुभूति हुई कि आपको मेरा यह गीत पसन्द आया। नयी पुरानी हलचल पर इसे लिंक करने और इस उत्साहवर्द्धन के लिए आपकी अत्यन्त आभारी हूं। आपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
प्रतीक्षा का आरम्भ उत्साह से होता है और यदि चिर प्रतीक्षा हुई तो सचमुच सारे श्रृंगार बैरी बन जाते हैं.बहुत ही बारीकी और कोमलता से इन्हीं भावों का चित्र खींचा है. "किसलिये आज वो नहीं आया"- पंक्ति ने नायिका के सकारात्मक प्रेम की ओर इंगित किया और गीत को ऊँचाईयों तक पहुँचा दिया.
बहुत खूबसूरत नज़्म. किसी अपने बहुत ख़ास का इंतज़ार भी बड़ा जानलेवा होता है.आपकी इस नज़्म ने किसी का प्यारा-सा शेर याद दिला दिया,आप भी सुनिए:- वादा किया था फिर भी न आये मज़ार पर. हमने तो जान दे दी इसी एतबार पर पर.
प्रेम की संपूरक है विरह वेदना . प्रतीक्षा में युग बीत गए, सन्देश न कोई मिल पाया , सच बतलाऊ तुम्हें प्राण ,इस जीने से मरना भाया . Tuesday, September 20, 2011 महारोग मोटापा तेरे रूप अनेक . http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
तो फिर दूसरा ब्लॉग कैसे छोड़ देता आपका मैं....बाप रे बाप....एक तो आपकी फोटू वाली हंसी....फिर आपके ब्लॉग पर हंसती हुई फोटुएं...तिस पास उन हंसती हुईं फोटुओं पर गुनगुनाती हुई कवितायेँ....बाप रे बाप.....मार ही डाला.....कसम से मैंने कवितायें और ग़ज़लें तो पढ़ी ही होंगी...मगर ऐसी टिप्पणी तो बेशक कभी किसी को नहीं....वो भी बिना जान-बिना पहचान....अब अगर आपको बुरा ही मान लेना होओ मेरा....तो आपकी मर्ज़ी....अपन तो ऐसे ही हैं....और ऐसे ही रहेंगे.....मगर हाँ आपके ब्लॉग पर तो आते ही रहेंगे....क्या ब्लॉग है आपका....हाँ वर्षासिंह.ब्लॉगस्पोट.काम....ह्म्म्मम्म याद हो गया ना...!!
सपरिवार आपको भी नवरात्री कि हार्दिक शुभकामनाएं.. माँ दुर्गा कि असीम कृपा आप पर बनी रहे.. आपकी लेखनी कि तरह आपका भविष्य भी दिनोंदिन निखरता रहे.. आपकी सारी मनोकामना पूर्ण हो... जय माता दी..
सच कहा, प्रिय (परमात्मा) नही आये तो झुमका बालियां (संसार का ऐश्वर्य) भी बोझ यानि बेमानी सा ही लगता है. पहली बार आपके ब्लाग पर आना हुआ, काफ़ी सारी रचनाएं पढी, मीरा जैसी महान रचनाएं लग रही है. बहुत ही श्रेष्ठतम.
डॉ वर्षा सिंह जी ....सुन्दर भाव प्यारी रचना मन को छू गयी .. चुभ रहा कान का ये झुमका है ...वाह क्या बात है ..दीदार न होने से ऐसे ही खलल ....
ढेर सारी हार्दिक शुभ कामनाएं .....जय माता दी आप सपरिवार को ढेर सारी शुभ कामनाएं नवरात्रि पर -माँ दुर्गा असीम सुख शांति प्रदान करें थोडा व्यस्तता वश कम मिल पा रहे है सबसे क्षमा करना भ्रमर ५
अनिल अवतार जी, आपकी शुभकामनाओं के लिए हृदय से आभारी हूं...हार्दिक धन्यवाद ! सपरिवार आप पर भी माँ दुर्गा की असीम कृपा सदैव बनी रहे....हार्दिक शुभ कामनाएं.
भ्रमर जी, मेरे गीत पर आपके आत्मीय विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया है.... आपकी शुभकामनाओं के लिए हृदय से आभारी हूं...हार्दिक धन्यवाद ! सपरिवार आप पर भी माँ दुर्गा की असीम कृपा सदैव बनी रहे.... हार्दिक शुभ कामनाएं.
Hariom Shamkuwar ji, Unlucky Why r u unlucky.....जबकि आपका खूबसूरत और meaningful BLOG आपके भाग्य के प्रति आश्वस्त करने वाला है....PLEASE CHANG THE BLOG NAME.
मेरे गीत पर आपके आत्मीय विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया है.... आपकी शुभकामनाओं के लिए हृदय से आभारी हूं...हार्दिक धन्यवाद !
धन्यवाद् आपकी टिपण्णी के लिए आपके, आप के सुज़ाव का मै स्वागत करता हूँ , तथा आज ही WORD VERIFICATION OPTION हटा रहा हूँ, धन्यवाद् , मगर ब्लॉग address मै change नहीं कर सकता मैंने यह ब्लॉग ऐसे ही बना लिया था, मगर आज इसके बहोत से विसिटर है, अगर इसका address बदल दिया गया तो सभी विसिटर, भटक जायेंगे, लेकिन ध्यानयवाद आपके सुज़ावो का, और आशा करता हूँ की और भी बढ़िया कविताये मुजे पढ़ने मिलेगी आपके ब्लॉग पर, और हा अगली नयी पोस्टिंग पर सबसे पहली टिपण्णी मेरी ही हो ऐसी आशा है,
Many times Photographers have to wait hours to just take that perfect photo shot and only once in a while they get lucky enough to get there right shot ...
Hariom Shamkuwar ji, Unlucky मैं हमेशा यह प्रयास करती हूं कि मैं ऐसे गीत-ग़ज़ल लिखूं कि वे ब्लाग-पाठकों को पसंद आएं.....आपको हार्दिक धन्यवाद ! मेरे ब्लॉगस पर सदैव आपका हार्दिक स्वागत है.
dhal gayi raat wo nahi aya....wah... virah vedna ko wahi jaan sakta hai jisne ise mehsoos kiya ho..... aapka blog bhi bahut sunder bana hai...rachana post kerne ka andaaz bhi bahut interesting hai...badhai...
सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति इंतजार की छटपटाहट
जवाब देंहटाएंका अनुपम चित्रण करती हुई.
आप भी क्या गजब ढहा देतीं हैं,
शानदार प्रस्तुति के लिए आभार.
मेरे ब्लॉग पर आपका आना बहुत अच्छा लगता है.
Na karen shikayat ki wo nahin aaya..
जवाब देंहटाएंAapne to intijar kiya, samay khoyi..
Nukasaan to uska huaa... Jo nahin aaya..
Bahut hi bhspurna prastuti.. Aabhar...
राकेश कुमार जी,
जवाब देंहटाएंमैं आपको धन्यवाद भर कहूं तो कम होगा....
आपके अपनत्व ने मुझे भावविभोर कर दिया है।
अनिल अवतार जी,
जवाब देंहटाएंआपके विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया.
हार्दिक धन्यवाद एवं आभार ....
aaina bhi karta hai sawaal... khamosh n ho jaye, phir kijiye shringaar
जवाब देंहटाएंरश्मि प्रभा जी,
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह मेरे गीत को मिला..यह मेरा सौभाग्य है.
इस आत्मीय टिप्पणी के लिए अत्यंत आभार....
इंतजार की अनुपम प्रस्तुति,
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुति के लिए आभार.
संजय कुमार चौरसिया जी,
जवाब देंहटाएंअत्यन्त आभारी हूं आपकी......
विचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद.
shandaar birah ke dard ki prastuti..badhayee aaur sadar pranamk ke sath
जवाब देंहटाएंइंतजार और इंतजार ........का फल मीठा होता है , अहसासों को अच्छे शब्द दिए है | बधाई
जवाब देंहटाएंडॉ आशुतोष मिश्र ‘आशु’ जी,
जवाब देंहटाएंमेरे गीत पर प्रतिक्रिया देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद...कृपया इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
सुनील कुमार जी,
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह मेरे गीत को मिला..यह मेरा सौभाग्य है.
आत्मीय टिप्पणी के लिए अत्यंत आभार....
डॉ० वर्षा जी बहुत ही श्रृंगार से भरा हुआ गीत बहुत ही सुन्दर बधाई
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत सुन्दर....
जवाब देंहटाएंदिल की बे -करारी का भाव गीत ,विरह अग्नि में कांटे बन गए कर्ण फूल... यही तो है इश्क की बे -करारी -
जवाब देंहटाएंन कोई वक्त ,न कोई उम्मीद ,
न कोई वायदा ,
खड़े थे रहगुज़र पर ,
करना था तेरा इंतज़ार ......
डॉ० वर्षा जी
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत ग़ज़ल के साथ चित्र भी खूबसूरत हैं
बहुत ही सुन्दर गज़ल ..... मोहब्बत और विरह कि मिसाल है !
जवाब देंहटाएंvirah vedna se poorb rachna,
जवाब देंहटाएंजयकृष्ण राय तुषार जी,
जवाब देंहटाएंयह जानकर सुखद अनुभूति हुई कि आपको मेरा यह गीत पसन्द आया। आपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
सुषमा'आहुति'जी,
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद एवं आभार।
वीरू भाई जी,
जवाब देंहटाएंबहुमूल्य टिप्पणी देने के लिए हार्दिक धन्यवाद !
संजय भास्कर जी,
जवाब देंहटाएंमेरे गीत पर प्रतिक्रिया देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
संजय भास्कर जी,
जवाब देंहटाएंआपकी आत्मीय टिप्पणी के लिए पुनः आभारी हूं...
रोशी जी,
जवाब देंहटाएंआपका आना सुखद लगा ...... हार्दिक धन्यवाद !
यशवन्त माथुर जी,
जवाब देंहटाएंयह जानकर सुखद अनुभूति हुई कि आपको मेरा यह गीत पसन्द आया। नयी पुरानी हलचल पर इसे लिंक करने और इस उत्साहवर्द्धन के लिए आपकी अत्यन्त आभारी हूं। आपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
यह तो वही बतायेगा |
जवाब देंहटाएंआने वाला आएगा |
पूँछ लीजियेगा पक्का--
तनिक बहुत भरमाएगा ||
रविकर जी,
जवाब देंहटाएंअपने गीत पर आपकी काव्यमय इस टिप्पणी को पा कर अनुगृहीत हूं.
हार्दिक आभार...
बहुत सुन्दर भावपूर्ण ग़ज़ल| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंजितना खूबसूरत चित्र ,ग़ज़ल भी उतनी ही खूबसूरत...वाह: क्या कहने....लाजवाब..
जवाब देंहटाएंविरह भोग के बाद विरहणी की विरह विदग्ध वेदना का आस्वाद कराती प्रस्तुति .शुक्रिया ।
जवाब देंहटाएंराजनीतिक ठहरे हुए सरोवर उपवास का कंकड़ .
प्रतीक्षा के पल तुम्हारे प्रिय इतने प्यारे होंगे क्या पता था...बहुत सुंदर भाव।
जवाब देंहटाएंबेसब्री से किया इंतज़ार ..पर वो नहीं आया ...
जवाब देंहटाएंअब सोच कर परेशान हैं कि क्यों नहीं आया ?
बहुत सुन्दर रचना ..
इम्तहान हो गयी इंतज़ार की??
जवाब देंहटाएंवैसे इंतज़ार का फल मीठा ही होता है.. सब करते हैं.. आप भी करिए :)
आभार
तेरे-मेरे बीच पर आपके विचारों का इंतज़ार है...
सुन्दर अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंबेजोड़ पंक्तियाँ ...बहुत सुंदर ..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रतीक्षा सुन्दर भाव
जवाब देंहटाएंवर्षा जी क्या लिखू , आपकी कविताये एक से एक बढ़कर होती है मानो दिल को छूकर निकल रही हो , अभिव्यक्ति की अतिउत्तम गूँज होती हैं आपकी कविताये बधाई
जवाब देंहटाएंइंतजार के पल में हठात प्रस्फुटित गीत . सुँदर .
जवाब देंहटाएंBahut hi sundarBahut hi sundar
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ...मनमोहक .. प्रेमगीत
जवाब देंहटाएंPatali-The-Village ji,
जवाब देंहटाएंThanks for your comments.
You're always welcome.
माहेश्वरी कनेरी जी,
जवाब देंहटाएंअत्यन्त आभारी हूं आपकी......विचारों से अवगत कराने के लिए.. हार्दिक धन्यवाद.
veerubhai ji,
जवाब देंहटाएंIt's a pleasure to have you on my blog. regards..
Er. सत्यम शिवम जी,
जवाब देंहटाएंआपके द्वारा मिली इस सराहना ने मेरे गीत को अभिभूत कर दिया है...हार्दिक आभार.
संगीता स्वरुप जी,
जवाब देंहटाएंअनुगृहीत हूं आपकी इस आत्मीय टिप्पणी के लिए....
हार्दिक आभार.
प्रतीक माहेश्वरी जी,
जवाब देंहटाएंमेरे गीत को आत्मीयता प्रदान करने के लिये आभार....
आपके अनुग्रहपूर्ण निमन्त्रण के लिए हार्दिक धन्यवाद. ...
वाणभट्ट जी,
जवाब देंहटाएंअपने गीत पर आपकी इस टिप्पणी को पा कर अनुगृहीत हूं.
हार्दिक आभार...
डॉ॰ मोनिका शर्मा जी,
जवाब देंहटाएंआपके विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया है.
हार्दिक धन्यवाद एवं आभार ....
कृपया इसी तरह सम्वाद बनाए रखें।
वंदना जी,
जवाब देंहटाएंइस उत्साहवर्द्धन के लिए अत्यन्त आभारी हूं।
आपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
कुश्वंश जी,
जवाब देंहटाएंमैं आपको धन्यवाद भर कहूं तो कम होगा, आपके अपनत्व ने मुझे भावविभोर कर दिया है।
अत्यन्त आभारी हूं....
आशीष जी,
जवाब देंहटाएंआपका आना सुखद लगा ...... हार्दिक धन्यवाद !
सुरेश कुमार जी,
जवाब देंहटाएंमेरे गीत पर अपने विचार प्रकट करने के लिये आपको बहुत-बहुत धन्यवाद।
सुरेन्द्र सिंह " झंझट " जी,
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह मेरे गीत को मिला....यह मेरा सौभाग्य है.
इस आत्मीय टिप्पणी के लिए अत्यंत आभार....
बहुत खूब.
जवाब देंहटाएंआपकी कलम को सलाम.
विशाल जी,
जवाब देंहटाएंअनुगृहीत हूं आपकी आत्मीय टिप्पणी के लिए...
मन के भावों को आपने सूक्षमता से पकड़ा है। सारे साज-ओ-श्रृंगार धरे रह जाते हैं, काट खाने को दौड़ते हैं, जब प्रियतम नहीं आते।
जवाब देंहटाएंमनोज कुमार जी,
जवाब देंहटाएंमेरे गीत को आत्मीयता प्रदान करने के लिये आभार....
हमेशा के तरह एक और सुन्दर रचना !!
जवाब देंहटाएंनायिका के इंतज़ार के वियोग का उत्कृष्ट चित्रण !
शुभकामनाएँ :)
प्रतीक्षा का आरम्भ उत्साह से होता है और यदि चिर प्रतीक्षा हुई तो सचमुच सारे श्रृंगार बैरी बन जाते हैं.बहुत ही बारीकी और कोमलता से इन्हीं भावों का चित्र खींचा है.
जवाब देंहटाएं"किसलिये आज वो नहीं आया"- पंक्ति ने नायिका के सकारात्मक प्रेम की ओर इंगित किया और गीत को ऊँचाईयों तक पहुँचा दिया.
बहुत खूबसूरत नज़्म.
जवाब देंहटाएंकिसी अपने बहुत ख़ास का इंतज़ार भी बड़ा जानलेवा होता है.आपकी इस नज़्म ने किसी का प्यारा-सा शेर याद दिला दिया,आप भी सुनिए:-
वादा किया था फिर भी न आये मज़ार पर.
हमने तो जान दे दी इसी एतबार पर पर.
प्रेम की संपूरक है विरह वेदना .
जवाब देंहटाएंप्रतीक्षा में युग बीत गए, सन्देश न कोई मिल पाया ,
सच बतलाऊ तुम्हें प्राण ,इस जीने से मरना भाया .
Tuesday, September 20, 2011
महारोग मोटापा तेरे रूप अनेक .
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
वो नहीं आए ... प्रतीक्षा में रत बीत नहीं पाती ... दिन गुजरने नहीं पाता ... बहुत खूब ...
जवाब देंहटाएंवर्षा जी नमस्कार्। प्रतीक्षा की सुन्दर व्याख्या ।आपका मेरे ब्लाग पर हार्दिक स्वागत है।
जवाब देंहटाएंकमलेश खान सिंह डिसूजा जी,
जवाब देंहटाएंआपके विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया है.
हार्दिक धन्यवाद एवं आभार ....
सपना निगम जी,
जवाब देंहटाएंविचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद.अनुगृहीत हूं ...
कुवंर कुसुमेश जी,
जवाब देंहटाएंआपकी बहुमूल्य टिप्पणी ने मेरा उत्साह बढ़ाया है.
बहुत-बहुत धन्यवाद।
वीरूभाई जी,
जवाब देंहटाएंअनुगृहीत हूं आपकी आत्मीय टिप्पणी के लिए...
दिगम्बर नासवा जी,
जवाब देंहटाएंयह जानकर प्रसन्नता हुई कि आपको मेरा गीत पसन्द आया....
इसी तरह सम्वाद बनाए रखें....
सुमन दुबे जी,
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद। कृपया इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराती रहें।
बेहद खूबसूरत है आपका ये गीत,
जवाब देंहटाएंसाभार,
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
क्या कहने, बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंइंतहा हो गई इंतजार की । सुंदर चित्र के साथ अति सुंदर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंदोनो कलाकारों की कलाकारी लाज़वाब है।
जवाब देंहटाएंप्रतीक्षा धन्य हुई...
शब्द से..चित्र से..
बुझ गये ख्वाब वो नही आया।बहुत अच्छा।
जवाब देंहटाएंतो फिर दूसरा ब्लॉग कैसे छोड़ देता आपका मैं....बाप रे बाप....एक तो आपकी फोटू वाली हंसी....फिर आपके ब्लॉग पर हंसती हुई फोटुएं...तिस पास उन हंसती हुईं फोटुओं पर गुनगुनाती हुई कवितायेँ....बाप रे बाप.....मार ही डाला.....कसम से मैंने कवितायें और ग़ज़लें तो पढ़ी ही होंगी...मगर ऐसी टिप्पणी तो बेशक कभी किसी को नहीं....वो भी बिना जान-बिना पहचान....अब अगर आपको बुरा ही मान लेना होओ मेरा....तो आपकी मर्ज़ी....अपन तो ऐसे ही हैं....और ऐसे ही रहेंगे.....मगर हाँ आपके ब्लॉग पर तो आते ही रहेंगे....क्या ब्लॉग है आपका....हाँ वर्षासिंह.ब्लॉगस्पोट.काम....ह्म्म्मम्म याद हो गया ना...!!
जवाब देंहटाएंघनीभूत भावों से भरी कविता अच्छी लगी । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंवियोग शृंगार का अनुपम उदाहरण है यह गीत।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लिखती हैं आप।
विवेक जैन जी,
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद एवं आभार ....
महेन्द्र श्रीवास्तव जी,
जवाब देंहटाएंअनुगृहीत हूं आपकी आत्मीय टिप्पणी के लिए...
आशा जोगळेकर जी,
जवाब देंहटाएंमेरे गीत को आत्मीयता प्रदान करने के लिये आभार....
देवेन्द्र पाण्डेय जी,
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट पर अपने विचार प्रकट करने के लिये आपको बहुत-बहुत धन्यवाद।
निशा महाराणा जी,
जवाब देंहटाएंविचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद.
राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) जी,
जवाब देंहटाएंआपकी बहुमूल्य टिप्पणी ने मेरा उत्साह बढ़ाया है.
बहुत-बहुत धन्यवाद।
प्रेम सरोवर जी,
जवाब देंहटाएंआपके विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया है.
हार्दिक धन्यवाद एवं आभार ....
महेन्द्र वर्मा जी,
जवाब देंहटाएंअपने गीत पर आपकी इस टिप्पणी को पा कर अनुगृहीत हूं.
हार्दिक आभार...
waah bahut khoob
जवाब देंहटाएंkyon aaj phir mujhe rulaayaa
nirantar haseen khwaabon se lubhaayaa
सुन्दर तस्वीर के साथ बेहद ख़ूबसूरत रचना! भावपूर्ण प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंडा.राजेंद्र तेला"निरंतर" जी,
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद।
बबली जी,
जवाब देंहटाएंअनुगृहीत हूं आपकी आत्मीय टिप्पणी के लिए...
अनिल अवतार जी,
जवाब देंहटाएंनवरात्रि पर्व पर आपको भी सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं।
राजेन्द्र स्वर्णकार जी,
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद।
नवरात्रि पर्व पर आपको भी सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं।
कान्ति प्रसाद जी,
जवाब देंहटाएंविचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद.
नवरात्रि पर्व पर आपको भी सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं।
सपरिवार आपको भी नवरात्री कि हार्दिक शुभकामनाएं.. माँ दुर्गा कि असीम कृपा आप पर बनी रहे.. आपकी लेखनी कि तरह आपका भविष्य भी दिनोंदिन निखरता रहे.. आपकी सारी मनोकामना पूर्ण हो... जय माता दी..
जवाब देंहटाएंkhoobsurat jajbaat,virah vedna ke bhaav se saji ghazal bahut achchi lagi.aapko v aapke parivaar ko navraatre ki shubhkamnaayen.
जवाब देंहटाएंक्या बात है, बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंइंतजार की इंतहा हो गई,बहुत खूबसूरती से लिखा है आपने।
सच कहा, प्रिय (परमात्मा) नही आये तो झुमका बालियां (संसार का ऐश्वर्य) भी बोझ यानि बेमानी सा ही लगता है. पहली बार आपके ब्लाग पर आना हुआ, काफ़ी सारी रचनाएं पढी, मीरा जैसी महान रचनाएं लग रही है. बहुत ही श्रेष्ठतम.
जवाब देंहटाएंरामराम.
इन्तिहाँ हो गयी इंतज़ार की...
जवाब देंहटाएंसचमुच इंतज़ार की बेला बहुत तड़पाती है
आप भी मेरे फेसबुक ब्लाग के मेंबर जरुर बने
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MADHUR VAANI
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MITRA-MADHUR
विरह रस की मनमोहक रचना....दुर्गा-पूजा की शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंकभी समय निकाल कर विज़िट करें
www.belovedlife-santosh.blogspot.com(Hindi poetry)
sundar rachna, shubhkaamnaayen.
जवाब देंहटाएंडॉ वर्षा सिंह जी ....सुन्दर भाव प्यारी रचना मन को छू गयी ..
जवाब देंहटाएंचुभ रहा कान का ये झुमका है ...वाह क्या बात है ..दीदार न होने से ऐसे ही खलल ....
ढेर सारी हार्दिक शुभ कामनाएं .....जय माता दी आप सपरिवार को ढेर सारी शुभ कामनाएं नवरात्रि पर -माँ दुर्गा असीम सुख शांति प्रदान करें
थोडा व्यस्तता वश कम मिल पा रहे है सबसे क्षमा करना
भ्रमर ५
क्या कहूं ?? सुंदर से भी सुंदर रचना ,बधाई ।
जवाब देंहटाएंअनिल अवतार जी,
जवाब देंहटाएंआपकी शुभकामनाओं के लिए हृदय से आभारी हूं...हार्दिक धन्यवाद !
सपरिवार आप पर भी माँ दुर्गा की असीम कृपा सदैव बनी रहे....हार्दिक शुभ कामनाएं.
राजेश कुमारी जी,
जवाब देंहटाएंअत्यन्त आभारी हूं आपकी......सपरिवार आपको भी ढेर सारी हार्दिक शुभ कामनाएं.
महेन्द्र श्रीवास्तव जी,
जवाब देंहटाएंइस उत्साहवर्द्धन के लिए अत्यन्त आभारी हूं।
आपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
ताऊ रामपुरिया जी,
जवाब देंहटाएंआपका आना सुखद लगा ...... हार्दिक धन्यवाद !
यूं तो मैं आपको धन्यवाद भर कहूं तो कम होगा, आपके अपनत्व ने मुझे भावविभोर कर दिया है।
नीलकमल जी,
जवाब देंहटाएंविचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद.
संतोष कुमार जी,
जवाब देंहटाएंयह जानकर सुखद अनुभूति हुई कि आपको मेरा गीत पसन्द आया। आपको बहुत बहुत धन्यवाद !
आपके अनुग्रहपूर्ण निमन्त्रण के लिए हृदय से आभारी हूं...
डॉ. जेन्नी शबनम जी,
जवाब देंहटाएंआप जैसी कवयित्री के विचार मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं....अपने विचारों से अवगत कराने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
भ्रमर जी,
जवाब देंहटाएंमेरे गीत पर आपके आत्मीय विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया है.... आपकी शुभकामनाओं के लिए हृदय से आभारी हूं...हार्दिक धन्यवाद !
सपरिवार आप पर भी माँ दुर्गा की असीम कृपा सदैव बनी रहे....
हार्दिक शुभ कामनाएं.
वाह ...! बहुत खूब .....
जवाब देंहटाएंवर्षा जी is tarah की nazmein saritaa muktaa mein खूब chhpti hain
आप bhejti nahin .....?
वाह ...! बहुत खूब .....
जवाब देंहटाएंवर्षा जी is tarah की nazmein saritaa muktaa mein खूब chhpti hain
आप bhejti nahin .....?
सुंदर भावमय गीत, पढ़कर अच्छा लगा।
जवाब देंहटाएंहरकीरत ' हीर' जी,
जवाब देंहटाएंआपका आना सुखद लगा ...... आपके इस सुझाव के लिए हार्दिक धन्यवाद !
इस उत्साहवर्द्धन के लिए अत्यन्त आभारी हूं।
देवेन्द्र जी,
जवाब देंहटाएंयह जानकर सुखद अनुभूति हुई कि आपको मेरा गीत पसन्द आया। आपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
श्रृंगार के वियोग पक्ष की सहज अभिव्यक्ति .
जवाब देंहटाएंश्रृंगार के वियोग पक्ष की सहज अभिव्यक्ति .
जवाब देंहटाएंbahut sundar varnan viyog shringar ras men. man ko chhoo liya.
जवाब देंहटाएंVeerubhai ji,
जवाब देंहटाएंThank you for visiting my blog! I felt honored by your comment.
रेखा श्रीवास्तव जी,
जवाब देंहटाएंआपका आगमन बेहद सुखद लगा ......
यह जानकर सुखद अनुभूति हुई कि आपको मेरा गीत पसन्द आया। आपको हार्दिक धन्यवाद !
वर्षा जी,
जवाब देंहटाएंबुझ गए ख्वाब वो नहीं आया.....एक सुन्दर रचना के लिए साधुवाद.
पूरे परिवार को नवरात्र की शुभकामनाएँ.
ओमप्रकाश यती जी,
जवाब देंहटाएंआपका आगमन सुखद लगा ......
इस उत्साहवर्द्धन के लिए अत्यन्त आभारी हूं।
आपको भी नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ.
Hariom Shamkuwar ji, Unlucky
जवाब देंहटाएंWhy r u unlucky.....जबकि आपका खूबसूरत और meaningful BLOG आपके भाग्य के प्रति आश्वस्त करने वाला है....PLEASE CHANG THE BLOG NAME.
मेरे गीत पर आपके आत्मीय विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया है.... आपकी शुभकामनाओं के लिए हृदय से आभारी हूं...हार्दिक धन्यवाद !
धन्यवाद् आपकी टिपण्णी के लिए आपके, आप के सुज़ाव का मै स्वागत करता हूँ , तथा आज ही WORD VERIFICATION OPTION हटा रहा हूँ, धन्यवाद् , मगर ब्लॉग address मै change नहीं कर सकता मैंने यह ब्लॉग ऐसे ही बना लिया था, मगर आज इसके बहोत से विसिटर है, अगर इसका address बदल दिया गया तो सभी विसिटर, भटक जायेंगे, लेकिन ध्यानयवाद आपके सुज़ावो का, और आशा करता हूँ की और भी बढ़िया कविताये मुजे पढ़ने मिलेगी आपके ब्लॉग पर, और हा अगली नयी पोस्टिंग पर सबसे पहली टिपण्णी मेरी ही हो ऐसी आशा है,
जवाब देंहटाएंMany times Photographers have to wait hours to just take that perfect photo shot and only once in a while they get lucky enough to get there right shot ...
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प्रसाद गुण से भरपूर सुन्दर गीत। आभार।
जवाब देंहटाएंthanks, I'll follow in your two blog.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर गीत. मिठास है भाव हैं गीत में. बेहतरीन प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंविजयादशमी की आपको व आपके परिवार को शुभकामनाएँ.
आप सब को विजयदशमी पर्व शुभ एवं मंगलमय हो।
जवाब देंहटाएंHariom Shamkuwar ji, Unlucky
जवाब देंहटाएंमैं हमेशा यह प्रयास करती हूं कि मैं ऐसे गीत-ग़ज़ल लिखूं कि वे ब्लाग-पाठकों को पसंद आएं.....आपको हार्दिक धन्यवाद !
मेरे ब्लॉगस पर सदैव आपका हार्दिक स्वागत है.
आचार्य परशुराम राय जी,
जवाब देंहटाएंआपकी पारखी दृष्टि को प्रणाम...
इस उत्साहवर्द्धन के लिए अत्यन्त आभारी हूं।
Lu,
जवाब देंहटाएंIt's a pleasure to have you on my blog. Regards.
You're always welcome.
Hearty Thanks for following my BLOGS.
रचना दीक्षित जी,
जवाब देंहटाएंआपकी शुभकामनाओं के लिए हृदय से आभारी हूं...हार्दिक धन्यवाद !
विजयादशमी पर आपको भी सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं।
विजय माथुर जी,
जवाब देंहटाएंआपकी शुभकामनाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद !
विजयादशमी पर आपको भी सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं।
रचनायें बहुत ही खूबसूरत और ब्लॉग मे प्रस्तुति भी साज सज्जा के साथ। श्रृंगार रस पर विशेष जोर…वियोग हो या संयोग……बहुत ही सुंदर…बधाई एवम आभार……
जवाब देंहटाएंdhal gayi raat wo nahi aya....wah... virah vedna ko wahi jaan sakta hai jisne ise mehsoos kiya ho.....
जवाब देंहटाएंaapka blog bhi bahut sunder bana hai...rachana post kerne ka andaaz bhi bahut interesting hai...badhai...
bahut sundar bhav dil ko chhute alfaz
जवाब देंहटाएंसूर्यकान्त गुप्ता जी,
जवाब देंहटाएंमेरे गीत को पसंद करने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
आपके विचारों का सदैव स्वागत है।
अनिता अग्रवाल जी,
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है!
आपका स्नेह मेरे गीत को मिला..यह मेरा सौभाग्य है.बहुत-बहुत आभार......
मलकीत सिंह जीत जी,
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है
अत्यन्त आभारी हूं आपकी, विचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद.