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मंगलवार, अप्रैल 09, 2019

बुंदेली गीत - जिनगी चार दिनन को मेला... डॉ. वर्षा सिंह



Dr. Varsha Singh

जे जिनगी चार दिनन को मेला
जे जिनगी चार दिनन को मेला
आज लगत जो चांदी - सोना
माटी को है ढेला, जे जिनगी...

फागुन बीतो रंगरंगीलो
लाल हरीरो, नीलो- पीलो
आ गऔ चैत नवेला, जे जिनगी चार...

मैया को दरबार सजो है
ढोल, नगड़िया, मिरदंग बजो है
आ गई पूजन बेला ,  जे जिनगी चार...

अपनी- अपनी देत सबई हैं
औरन की सुध लेतई नईं हैं
माया को सब खेला, जे जिनगी चार…

राम को नाम जपो दोई बिरियां
हो सके जितनो, बांट लो खुशियां
“वर्षा” छोड़ो झमेला , जे जिनगी ....

कृपया इस लिंक को देखें एवं शेयर करें....
https://youtu.be/K67r2Ak5Xsg

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