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शुक्रवार, सितंबर 28, 2018

क्योंकि फ़र्क होता है - डॉ. वर्षा सिंह

Dr. Varsha Singh

बेफ़िक्र
मस्तमौला
घुमक्कड़
बादलों को देख कर सोचती हूं
कभी मैं भी हो सकूंगी
इस क़दर बेपरवाह
न ऑफिस की चिंता
न घर का ख़्याल
मन में उपजते हैं कई बार ऐसे सवाल
शायद नहीं
क्योंकि फ़र्क होता है
आसमानी उड़ानों और ज़मीनी हक़ीक़त में
         - डॉ. वर्षा सिंह
Photo by Dr.Varsha Singh

Photo by Dr.Varsha Singh

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