कवयित्री / शायरा डॉ. वर्षा सिंह
ज़िन्दगी का रास्ता सीधा नहीं और मंज़िल का कोई वादा नहीं चल पड़े हैं हम, बन कर हमक़दम है न वो कान्हा, मैं राधा नहीं - डॉ. वर्षा सिंह
#ग़ज़लवर्षा
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