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शुक्रवार, जून 22, 2018

मैं राधा नहीं

ज़िन्दगी का रास्ता सीधा नहीं
और मंज़िल का कोई वादा नहीं
चल पड़े हैं हम, बन कर हमक़दम
है न वो कान्हा, मैं राधा नहीं
- डॉ. वर्षा सिंह

#ग़ज़लवर्षा

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