Dr. Varsha Singh with Dr. (Miss) Sharad Singh |
होली पर बुंदेली गीत
घरई में होरी मनाओ
- डॉ. वर्षा सिंह
औरन दुआरे ने जाओ मोरी बिन्ना।
घरई में होरी मनाओ मोरी बिन्ना।।
जात-जात आ गओ, जो गिरमां खों तोड़ के
नासमिटो कोरोना, भगईयो खचोड़ के
दो गज की दूरी रखाओ मोरी बिन्ना।
घरई में होरी मनाओ मोरी बिन्ना।।
बाहर निकरियो ने, मों रख के खुल्ला
इते-उते जाके ने, खइयो रसगुल्ला
घरई में गूझा बनाओ मोरी बिन्ना।
घरई में होरी मनाओ मोरी बिन्ना।।
सिनेटाइज कर के, लगइयो गुलाल खों
मास्क धरो मों पे, अब भूलो धमाल खों
जीवन सबई खों बचाओ मोरी बिन्ना।
घरई में होरी मनाओ मोरी बिन्ना।।
जी को जो सबरो, सो चाये पोसाय ना
दूरई से ले लईयो, "वर्षा" को बायना
दूरई से फगुआ सुनाओ मोरी बिन्ना।
घरई में होरी मनाओ मोरी बिन्ना।।
इस वर्ष कोरोना आपदा के कारण हमारे क्षेत्र, हमारे मध्यप्रदेश में "मेरा घर-मेरी होली" के संदेश के साथ अपने घर में परिवार जन के साथ होली मनाई जा रही है। अतः मैं आज यहां ब्लॉग जगत में आ कर स्वयं को परिवार के सदस्यों के बीच महसूस कर रही हूं।
सभी ब्लॉग साथियों को होली पर्व पर वंदन...
अभिनंदन ...
रंग गुलाल का टीका-चंदन...
होली की ढेर सारी रंगबिरंगी शुभकामनाएं !!!
यथोचित आदर एवं स्नेह सहित,
डॉ. वर्षा सिंह
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मेरे इस बुंदेली गीत को लोकप्रिय वेब पोर्टल "युवाप्रवर्तक" दि. 29.03.2021 में भी प्रकाशित किया गया है। अवलोकन हेतु लिंक यहां प्रस्तुत है -
#मेरी_होली_मेरा_घर
#हमाई_होली_हमाओ_घर
#होली #HappyHoli
#जयबुंदेली #जयबुंदेलखण्ड
#गीतवर्षा #बुंदेली
#कोरोना_को_हराना_है
बहुत सुन्दर बुन्देली गीत।
जवाब देंहटाएंआपका जवाब नहीं डॉ. वर्षा सिंह जी।
रंग भरी होली की शुभकामनाएँ।
हार्दिक आभार आदरणीय शास्त्री जी 🙏
हटाएंआपकी सराहना पा कर मेरा यह गीत सफल हो गया।
होली की हार्दिक शुभकामनाओं सहित
सादर,
डॉ. वर्षा सिंह
उत्तराखंड के हो कर भी आप बुन्देली समझ लेते हैं...
हटाएंवाकई श्लाघनीय है।
आपकी मेधा को प्रणाम आदरणीय 🙏
कोशिश करी समझने की ... सुन्दर गीत ..
जवाब देंहटाएंबहुत धन्यवाद आदरणीया, आपकी इस आत्मीय बहुमूल्य टिप्पणी के लिए 🙏
हटाएंमुझे प्रसन्नता है कि मेरा बुंदेली गीत आपने पढ़ा और उसे समझने की कोशिश की...
पुनः सादर धन्यवाद 🙏
आदरणीया, हिन्दी में अर्थ ...
हटाएंऔर के द्वार मत जाओ मेरे बहना
घर में ही होली मनाओ मेरी बहना
जाते- जाते आया है रस्सी को तोड़ कर
बुरा है कोरोना, भगाओ *खचोड़ कर
दो गज की दूरी रखाओ मेरी बहना
घर में ही होली मनाओ मेरी बहना
*खचोड़ = खींच कर
वैसे बुंदेली बोली हिन्दी के काफी करीब ही है... ग्रामीण क्षेत्रों में ज़रूर पुरानी ठेठ बुंदेली मिल जाएगी किन्तु कस्बों, शहरों में हिन्दी-अंग्रेजी के पर्याप्त प्रचलित शब्द मिश्रित हैं।
बहुत सुंदर रचना, वर्षा दी।
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद प्रिय ज्योति देहलीवाल जी 🙏
हटाएंI got such a useful stuff on your website that helps me a lot to gain information.
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