Dr. Varsha Singh |
आज web magazine युवा प्रवर्तक के अंक दिनांक 01.05.2020 में श्रमिक दिवस के अवसर पर मेरे 10 दोहे. प्रकाशित हुए हैं। कृपया आप भी पढ़ें 🙏
युवा प्रवर्तक के प्रति हार्दिक आभार 🙏
मित्रों, यदि आप चाहें तो पत्रिका में इसे इस Link पर भी पढ़ सकते हैं ...
http://yuvapravartak.com/?p=31012
01मई अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर दुनिया भर के समस्त श्रमिकों को समर्पित दस दोहे
पूजनीय श्रम है सदा
-डॉ. वर्षा सिंह
श्रमिक वही जिनकी सदा, श्रम ही है पहचान।
स्वेदकणों से जो सदा, लिखते श्रम का गान।।
हंस कर सह जाते श्रमिक, हर मौसम की मार।
श्रम की ही आराधना, श्रम ही है त्यौहार ।।
ऊंची बिल्डिंग- राजपथ, बड़े-बड़े निर्माण।
श्रमिकों ने हरदम दिए, श्रम के कई प्रमाण ।।
खनिज उत्खनन क्षेत्र हो या विद्युत - संधान।
हर इक गाथा में लिखा, श्रमिकों का अवदान।।
कोई भी उद्योग हो, श्रमिक बिना बेकार।
अपने श्रम से जोड़ता, श्रमिक तार से तार।।
श्रम सेवा का रास्ता, श्रम पूंजी का द्वार।
श्रम में ही उन्नति निहित, श्रम विकास का सार।।
श्रमिक उठें जब एक हो, गूंजे श्रम का गान।
हिले सिंहासन, डूबते सत्ता के अभिमान।।
तन, मन, सेवा-भाव से, किया गया श्रमदान।
मोल न आंका जा सके, श्रम है सदा महान।।
श्रम के बिना अपूर्ण है, मानवता का गान।
श्रम के जरिए मनुज ने, गढ़े कई प्रतिमान।।
पूजनीय श्रम है सदा, वंदित श्रमिक समाज।
"वर्षा" अभिनंदन करे, श्रमिक दिवस पर आज।।
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श्रमिक दिवस पर शुभकामनाएं |
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