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बुधवार, अप्रैल 15, 2020

लॉकडाउन 2.0 संदर्भित बुंदेली ग़ज़ल....नासमिटे जे कोरोना की - डॉ. वर्षा सिंह

 
Dr. Varsha Singh
       
           लॉकडाउन 2.0 फ़िलहाल 3 मई तक ज़ारी रहेगा। माननीय पीएम ने हमारी सुरक्षा के लिए हमसे सात वचन मांगे हैं जिन्हें पूरा करके हम कोरोना को मात दे सकते हैं। इसी विषय पर प्रस्तुत है मेरी यह बुंदेली ग़ज़ल...

*बुंदेली ग़ज़ल*
*नासमिटे जे कोरोना की*
             - डॉ. वर्षा सिंह
तीन पांच लों लॉकडाउन है, तीन पांच ने करियो।
तारा डारे हम घर बैठे, तुम अपने घर  रहियो।

दूरी खों मतलब हम खों जे डिस्टेंसिंग है रखने,
हाल तुमाओ का कैसो है, मोबाइल पे कहियो।

नासमिटे जे कोरोना की, बड़ो दोंदरा दै रऔ,
धूल चटा देबी ससरे खों, तनक धीर तो धरियो।

पुलिस, कलक्टर संगे हमरे, संगे पीएम, सीएम,
सात बचन खों पालन करबै में तनकऊ ने डरियो।

मोड़ा-मोड़ी घरे राखियो, जान कहूं ने दईयो,
दद्दा, अम्मा, मम्मा, फूफा ध्यान सबई खों रखियो।

ढाल बने से खड़े वारियर, देत सुरक्छा हमखों,
उन ओरन की सच्चे मन से जयकारे सब करियो।

"वर्षा सिंह" की जेई अरज है कोऊ रहे ने भूखो,
अपनी थारी,अपनी रोटी सबसे साझा करियो।
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