Dr. Varsha Singh |
मेरे बुंदेली गीत को web magazine युवा प्रवर्तक के अंक दिनांक 10 अप्रैल 2019 में स्थान मिला है।
बुंदेली गीत....
जे जिनगी चार दिनन को मेला
जे जिनगी चार दिनन को मेला
आज लगत जो चांदी - सोना
माटी को है ढेला, जे जिनगी...
फागुन बीतो रंगरंगीलो
लाल हरीरो, नीलो- पीलो
आ गऔ चैत नवेला, जे जिनगी चार...
मैया को दरबार सजो है
ढोल, नगड़िया, मिरदंग बजो है
आ गई पूजन बेला, जे जिनगी चार...
अपनी- अपनी देत सबई हैं
औरन की सुध लेतई नईं हैं
माया को सब खेला, जे जिनगी चार…
राम को नाम जपो दोई बिरियां
हो सके जितनो, बांट लो खुशियां
“वर्षा” छोड़ो झमेला , जे जिनगी ....
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युवा प्रवर्तक के प्रति हार्दिक आभार 🙏
मित्रों, यदि आप चाहें तो पत्रिका में मेरी ग़ज़ल इस Link पर भी पढ़ सकते हैं ...
बुंदेली गीत - डॉ. वर्षा सिंह |
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