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मंगलवार, मार्च 12, 2019

ग़ज़ल .... जीवन - डॉ. वर्षा सिंह

Dr. Varsha Singh

प्रिय मित्रों,
       मेरी ग़ज़ल को web magazine युवा प्रवर्तक के अंक दिनांक 12 मार्च 2019 में स्थान मिला है।
युवा प्रवर्तक के प्रति हार्दिक आभार 🙏

yuvapravartak.com/?p=11692

कृपया पत्रिका में मेरी ग़ज़ल पढ़ने हेतु इस Link पर जायें....

जीवन  इतना  भी  नहीं  दहे।
जितना हम जलता समझ रहे।

उच्छ्वास भरो उत्साहित हो,
क्यों अंतरतम हर घुटन गहे।

सूरज न रुका है इसीलिये,
जग व्यर्थ न ज़्यादा तिमिर सहे।

दरिया सदैव गतिमान बना,
जलधार निरन्तर यहां बहे।

जीवन इतना भी कठिन नहीं,
"वर्षा" हर पल मन यही कहे
            - डॉ. वर्षा सिंह
yuvapravartak.com/?p=11692


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