Dr. Varsha Singh |
🍁💥 शुभ रूप चतुर्दशी 💥🍁
शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यं धनसंपदाम् ।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते ॥
दीपज्योतिः परब्रह्म दीपज्योतिर्जनार्दनः ।
दीपो हरतु मे पापं दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते ॥
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ज्योति के त्योहार में
रश्मि की मंजुल कलाएं ज्योति के त्योहार में जगमगाती तारिकाएं ज्योति के त्योहार में
धरा का श्रृंगार, स्वर्णिम हार, नख-शिख आभरण
मुग्ध बेसुध व्यंजनाएं ज्योति के त्योहार में
हासमय उल्लास, कातिक मास, मंगल कामना नेहा-सिंचित भावनाएं ज्योति के त्योहार में
धूप-अक्षत-पान, सुख का गान, आंगन द्वार पर इंद्रधनुषी अल्पनाएं ज्योति के त्योहार में
फूल बिजली के खिले, दीपक जले अमावस निशा
गूंजती पावन ऋचाएं ज्योति के त्योहार में
अर्चना-आराधना श्री लक्ष्मी की वंदना
आरती करती दिशाएं ज्योति के त्योहार में
रूप की “वर्षा” नई आशा नए संकल्प से
झूमती नव वर्तिकाएं ज्योति के त्योहार में
- डॉ. वर्षा सिंह
ब्लॉग बुलेटिन टीम और मेरी ओर से आप सब को छोटी दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं|
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 06/11/2018 की बुलेटिन, " जल गया है दीप तो अंधियार ढल कर ही रहेगा “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
शिवम मिश्रा जी, बहुत बहुत आभार आपका 🙏
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