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रविवार, अक्तूबर 21, 2012

खुद समझ लो.......


8 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर|
    बधाई डा. साहिबा ||

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  2. हम जब सोते है तो सपने जागते है पर आप तो वहां भी दूर-दूर भागते हैं

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  3. आपके सपनों और ख्वाब को समर्पित

    समझने और समझाने में,सपने टूट जाते हैं
    बैठो संग,चलें कुछ दूर,शायद पास आ जाएँ

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