बिहारी की "मुग्धा "नायिकाओं को पस्त करती पूर्ण समर्पित मुग्धाओं के अनेक शब्द चित्र समेटे रहतीं हैं आपकी कविताएं लेकिन अति -श्योक्ति आपके यहाँ नहीं है ,संयम और समर्पण है ..कृपया यहाँ भी आयें - http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/2011/08/blog-post_09.html Tuesday, August 9, 2011 माहवारी से सम्बंधित आम समस्याएं और समाधान ...(.कृपया यहाँ भी पधारें -)
एक विशेष किस्म का तारल्य बहाव ,मुग्धा भाव से संसिक्त होतीं हैं आपकी रचनाएं ,पाठक को बारहा मौन निमंत्रण देती रसास्वादन का और उससे भी सुन्दर भाव चित्र .बधाई . अंदाज़ अपना आईने में देखतें हैं वो ,और ये भी देखतें हैं ,कोई देखता न हो . आइना देख के ये देख संवरने वाले ,तुझपे बेजा तो नहीं मारतें हैं मरने वाले ,बरबस यही पंक्तियाँ स्मृति में कौंध जातीं हैं तमाम चित्रों को देख निहार कर . http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/ Wednesday, August 10, 2011 पोलिसिस -टिक ओवेरियन सिंड्रोम :एक विहंगावलोकन . व्हाट आर दी सिम्टम्स ऑफ़ "पोली -सिस- टिक ओवेरियन सिंड्रोम" ?
aapke geet hon ya ghazalein,,, mujhe behad prabhabait karte hain,,,hamesh ki tarah eka baar phir shandaar rachna padhne ka saubhagy mila..badhayee aaur sadar pranam ke sath
जितना माधुरी ,मुग्धा भाव आपकी रचनाओं में है ,उतनी ही स्नेहशीला ,वट- वृक्ष सी सब को समादर और स्नेह बांटतीं आप ब्लॉग -दर -ब्लॉग पहुँच रहीं हैं ,वो कहते हैं न फल -दार वृक्ष ही झुकता है ,सबको समीर ,छाया और फल देता है ."नेकी कर दरिया में डाल" का मुखर रूप हैं आप .बधाई आपके व्यक्तित्व और कृतित्व को . http://veerubhai1947.blogspot.com/ बुधवार, १० अगस्त २०११ सरकारी चिंता . http://sb.samwaad.com/ ऑटिज्म और पर्यावरणीय प्रभाव। Environment plays a larger role in autism. Posted by veerubhai on Wednesday, August 10
आइना देखूं चेहरा तेरा नजर आता है ,........ कृपया यहाँ भी आपकी मौजूदगी अपेक्षित है -http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/2011/08/blog-post_9034.हटमल Friday, August 12, 2011 रजोनिवृत्ती में बे -असर सिद्ध हुई है सोया प्रोटीन .
http://veerubhai1947.blogspot.com/ बृहस्पतिवार, ११ अगस्त २०११ Early morning smokers have higher cancer रिस्क.
HypnoBirthing: Relax while giving birth? http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/ व्हाई स्मोकिंग इज स्पेशियली बेड इफ यु हेव डायबिटीज़ ? "बिन तुम्हारे आजकल तो ,शाम की आहट अखरती" ,प्रवासी के गीतों का दर्द उभरता है इस गीत संगीत में -"भोर होते कौन जाने छा गई कैसी उदासी ,क्या किसी की याद आई ,ओ !विरह व्याकुल प्रवासी . हर पंक्ति में कराहट विरह का अलाव सुलगता सा ,क्या कहने हैं आपके -बिन तुम्हारे आजकल तो रात भी पहलू बदलती ,दीप की बाती सुलगती
प्रेम की अलौकिक अभिव्यक्ति डॉ० वर्षा जी बहुत -बहुत बधाई और शुभकामनाएं |इतने सुंदर चित्र मत लगाया करिये मन भटक जाता है लेकिन गीत शानदार है इसलिए भटका नहीं |
वाणभट्ट जी, यह जानकर सुखद अनुभूति हुई कि आपको मेरा गीत पसन्द आया। आपको बहुत-बहुत धन्यवाद ! स्वाधीनता दिवस के पावन पर्व पर आपको भी हार्दिक शुभकामनाएं...
डॉ वर्षा सिंह जी यादें होती ही ऐसी हैं ..हंसा देती हैं रुला देती हैं..दिल में एक दिया जला देती हैं ...शाम की आहट क्यों न आखर जाए ...... स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभ कामनाएं भ्रमर ५
आप को बहुत बहुत धन्यवाद की आपने मेरे ब्लॉग पे आने के लिये अपना किमती समय निकला और अपने विचारो से मुझे अवगत करवाया मैं आशा करता हु की आगे भी आपका योगदान मिलता रहेगा बस आप से १ ही शिकायत है की मैं अपनी हर पोस्ट आप तक पहुचना चाहता हु पर अभी तक आप ने मेरे ब्लॉग का अनुसरण या मैं कहू की मेरे ब्लॉग के नियमित सदस्य नहीं है जो में आप से आशा करता हु की आप मेरी इस मन की समस्या का निवारण करेगे आपका ब्लॉग साथी दिनेश पारीक http://kuchtumkahokuchmekahu.blogspot.com/
नमस्कार.... बहुत ही सुन्दर लेख है आपकी बधाई स्वीकार करें मैं आपके ब्लाग का फालोवर हूँ क्या आपको नहीं लगता की आपको भी मेरे ब्लाग में आकर अपनी सदस्यता का समावेश करना चाहिए मुझे बहुत प्रसन्नता होगी जब आप मेरे ब्लाग पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएँगे तो आपकी आगमन की आशा में पलकें बिछाए........ आपका ब्लागर मित्र नीलकमल वैष्णव "अनिश"
इस लिंक के द्वारा आप मेरे ब्लाग तक पहुँच सकते हैं धन्यवाद्
वर्षा जी सबसे पहले तो मैं यही कहूँगा कि आज मुझे लगा कि इस ब्लॉग को पहले क्यों नहीं देखा. भावों से भरी दिल को छू लेती कविता और मुखर चित्र जो भावों को और भी स्पष्ट व स्पंदित कर देते है. मैं भी कवितायेँ लिखता हूँ और कुछ कुछ इसी शैली की. इसलिए विशेष बधाई.
वर्षा जी ,
जवाब देंहटाएंजादू सिर चढा कर बोल रहा है ..बहुत सुन्दर , प्रेमपगी अभिव्यक्ति ..
वर्षा जी ,
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर , LAJABAB
उम्दा सोच
जवाब देंहटाएंभावमय करते शब्दों के साथ गजब का लेखन ...आभार....वर्षा जी
संगीता स्वरुप जी,
जवाब देंहटाएंआपके शब्द हमेशा मेरा उत्साहवर्धन करते हैं.....अत्यन्त आभारी हूं। आपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
संजय कुमार चौरसिया जी,
जवाब देंहटाएंमेरे गीत को पसंद करने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
संजय भास्कर जी,
जवाब देंहटाएंआपकी आत्मीय टिप्पणी के लिए आभारी हूं...बहुत-बहुत धन्यवाद।
Bahut pyari rachana!
जवाब देंहटाएंit is so beautiful..
जवाब देंहटाएंverses speaks volumes :)
क्षमा जी,
जवाब देंहटाएंअत्यन्त आभारी हूं आपकी......विचारों से अवगत कराने के लिए.. हार्दिक धन्यवाद.
Jyoti Mishra ji,
जवाब देंहटाएंThanks for your valuable comment.
इस भाव भरी रचना पर एक शे’र अर्ज़ करने की इजाज़त चाहूंगा--
जवाब देंहटाएंरूप की चांदनी में नहाता रहा,
वो तिमिर में कहीं जगमगाता रहा।
प्यार की अंगुलियों से जरा छू दिया,
देर तक आइना गुनगुनाता रहा।
baap rey kya kamaal ka likh diya...jabardast.
जवाब देंहटाएंसुन्दर लेखन बेहतरीन ग़ज़ल, वर्षा जी मुझे अपने संकलन में आपकी प्रकाशित पुस्तके चाहिए कहा संपर्क करू , सादर (kushwansh @gmail .कॉम )
जवाब देंहटाएंभाव मयी सुन्दर गजल...
जवाब देंहटाएंकुछ खास..
जवाब देंहटाएंकुछ नया सा..
मनमोहक !
बहुत ही सुन्दर रचना !!
मनोज कुमार जी,
जवाब देंहटाएंमेरे गीत पर आपके आत्मीय विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया है.... हार्दिक धन्यवाद एवं आभार।
अनामिका जी,
जवाब देंहटाएंअत्यन्त आभारी हूं आपकी......विचारों से अवगत कराने के लिए.. हार्दिक धन्यवाद.
कुश्वंश जी,
जवाब देंहटाएंअत्यन्त आभारी हूं आपकी...
कृपया अपने डाक का पता देने का कष्ट करें मैं अपनी पुस्तकें उपलब्ध करा दूंगी.
माहेश्वरी कनेरी जी,
जवाब देंहटाएंमेरे गीत को सराहने के लिए अत्यन्त आभारी हूं आपकी......
कमलेश खान सिंह डिसूजा जी,
जवाब देंहटाएंअपने विचारों से अवगत कराने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
वाह..... सुंदर बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंprem mey pagee behad marmsparshee geet..badhai, hamesha ki tarah. koi nayaa sangrah idhar aa rah haikya?
जवाब देंहटाएंसोमवार, ८ अगस्त २०११
जवाब देंहटाएंWhat the Yuck: Can PMS change your boob size?
वर्षा की ग़ज़लें तमाम रचनाएं मुग्धा भाव की अनेक रंगी छटाएं लिए होतीं हैं .
जवाब देंहटाएंAaine e kke saamne baithun agar
जवाब देंहटाएंkhud se khud main lajati hun..
Bahut pyari rachna.. Aabhar..
हर पंक्ति में मनोहारी भावों का समावेश,
जवाब देंहटाएंविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
kabhi aesa bhi hota hai ,sundar
जवाब देंहटाएंहर एक पंक्ति दिल को छु गयी.... बहुत ही खुबसूरत...
जवाब देंहटाएंबिहारी की "मुग्धा "नायिकाओं को पस्त करती पूर्ण समर्पित मुग्धाओं के अनेक शब्द चित्र समेटे रहतीं हैं आपकी कविताएं लेकिन अति -श्योक्ति आपके यहाँ नहीं है ,संयम और समर्पण है ..कृपया यहाँ भी आयें - http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/2011/08/blog-post_09.html
जवाब देंहटाएंTuesday, August 9, 2011
माहवारी से सम्बंधित आम समस्याएं और समाधान ...(.कृपया यहाँ भी पधारें -)
अद्भुत सुन्दर रचना! हर एक शब्द दिल को छू गई! इस भावपूर्ण रचना के लिए बधाई!
जवाब देंहटाएंbahut bheetar tak chhoone wali rachna hai, badhai !!! ye dil-fareb photo kahan se lati hain aap ?
जवाब देंहटाएंडॉ॰ मोनिका शर्मा जी,
जवाब देंहटाएंआभारी हूं आपके विचारों के लिए....
बहुत-बहुत धन्यवाद।
गिरीश पंकज जी,
जवाब देंहटाएंआपकी आत्मीय टिप्पणी के लिए आभारी हूं...
हार्दिक धन्यवाद।
वीरूभाई जी,
जवाब देंहटाएंमेरे गीत पर प्रतिक्रिया देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
वीरूभाई जी,
जवाब देंहटाएंआमंत्रण के लिए आभार...
अनिल अवतार जी,
जवाब देंहटाएंआभारी हूं आपके विचारों के लिए....
बहुत-बहुत धन्यवाद।
विवेक जैन जी,
जवाब देंहटाएंमेरे गीत को आत्मीयता प्रदान करने के लिये आभार....
ज्योति सिंह जी,
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह मेरे गीत को मिला..यह मेरा सौभाग्य है.
आभारी हूं.
सुषमा आहुति जी,
जवाब देंहटाएंजानकर प्रसन्नता हुई कि आपको मेरा गीत पसन्द आया....
बहुत-बहुत धन्यवाद।
बबली जी,
जवाब देंहटाएंअनुगृहीत हूं आपकी आत्मीय टिप्पणी के लिए...
आभारी हूं.
मनोज अबोध जी,
जवाब देंहटाएंअपने विचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद एवं आभार।
इसी तरह आत्मीयता बनाएं रखें।
bhaut bhaut hi pyari abhivaykti...
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण अभिव्यक्ति .....!
जवाब देंहटाएंbahut hi bhawpoorn...
जवाब देंहटाएंbas gungunate hi rahe...
Bahut sunder pankhtiyaan Hai.waaah
जवाब देंहटाएंअद्भभुत अहसासों से भरी है आपकी ये रचना,
जवाब देंहटाएंविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
प्रेम की मधुर कविता !
जवाब देंहटाएंएक विशेष किस्म का तारल्य बहाव ,मुग्धा भाव से संसिक्त होतीं हैं आपकी रचनाएं ,पाठक को बारहा मौन निमंत्रण देती रसास्वादन का और उससे भी सुन्दर भाव चित्र .बधाई .
जवाब देंहटाएंअंदाज़ अपना आईने में देखतें हैं वो ,और ये भी देखतें हैं ,कोई देखता न हो .
आइना देख के ये देख संवरने वाले ,तुझपे बेजा तो नहीं मारतें हैं मरने वाले ,बरबस यही पंक्तियाँ स्मृति में कौंध जातीं हैं तमाम चित्रों को देख निहार कर .
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
Wednesday, August 10, 2011
पोलिसिस -टिक ओवेरियन सिंड्रोम :एक विहंगावलोकन .
व्हाट आर दी सिम्टम्स ऑफ़ "पोली -सिस- टिक ओवेरियन सिंड्रोम" ?
सागर जी,
जवाब देंहटाएंआपकी आत्मीय टिप्पणी के लिए आभारी हूं...
केवल राम जी,
जवाब देंहटाएंअपने विचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद एवं आभार।
इसी तरह आत्मीयता बनाएं रखें।
रवि राजभर जी,
जवाब देंहटाएंमेरे गीत पर प्रतिक्रिया देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
रामकृष जी,
जवाब देंहटाएंआपकी आत्मीय टिप्पणी के लिए आभारी हूं...
हार्दिक धन्यवाद।
विवेक जैन जी,
जवाब देंहटाएंआभारी हूं... मेरे गीत पर प्रतिक्रिया देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
वाणी गीत जी,
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह मेरे गीत को मिला..यह मेरा सौभाग्य है.
वीरूभाई जी,
जवाब देंहटाएंजानकर प्रसन्नता हुई कि आपको मेरा गीत पसन्द आया....
वीरूभाई जी,
जवाब देंहटाएंआमंत्रण के लिए आभार...
pyaar bhare khyaal bade anmol hote hain
जवाब देंहटाएंक्या बात है, बात कहने का एक ये भी अंदाज
जवाब देंहटाएंयाद करती हूं तुम्हे हर पल और खुद ही मुस्कुराती हूं
होता है, ऐसा भी..
वाह ...बहुत खूब ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना , बहुत खूबसूरत प्रस्तुति आभार
जवाब देंहटाएंमनमोहक,चित्ताकर्षक प्रेमगीत ...
जवाब देंहटाएंशब्दों के साथ चित्र का संयोजन ...अति सुन्दर
बहुत भावपूर्ण रचना है |अच्छी रचना के लिए बधाई |
जवाब देंहटाएंआशा
रश्मि प्रभा जी,
जवाब देंहटाएंयह जानकर सुखद अनुभूति हुई कि मेरा गीत आपको पसन्द आया। आपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
महेन्द्र श्रीवास्तव जी,
जवाब देंहटाएंअपने विचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद एवं आभार।
इसी तरह आत्मीयता बनाएं रखें।
सदा जी,
जवाब देंहटाएंआपकी आत्मीय टिप्पणी के लिए आभारी हूं...
एस.एन.शुक्ला जी,
जवाब देंहटाएंआभारी हूं आपके विचारों के लिए....
बहुत-बहुत धन्यवाद।
सुरेन्द्र सिंह " झंझट " जी,
जवाब देंहटाएंमेरे गीत को आत्मीयता प्रदान करने के लिये आभार....
आशा जी,
जवाब देंहटाएंअनुगृहीत हूं आपकी आत्मीय टिप्पणी के लिए...
बहुत-बहुत धन्यवाद।
aapke geet hon ya ghazalein,,,behad nirala andaj hota hao,,bhavon ke sath aapki kavya shilp mujhe behad prabhbit karti hai,,,sadar pranam ke sath
जवाब देंहटाएंaapke geet hon ya ghazalein,,, mujhe behad prabhabait karte hain,,,hamesh ki tarah eka baar phir shandaar rachna padhne ka saubhagy mila..badhayee aaur sadar pranam ke sath
जवाब देंहटाएंजितना माधुरी ,मुग्धा भाव आपकी रचनाओं में है ,उतनी ही स्नेहशीला ,वट- वृक्ष सी सब को समादर और स्नेह बांटतीं आप ब्लॉग -दर -ब्लॉग पहुँच रहीं हैं ,वो कहते हैं न फल -दार वृक्ष ही झुकता है ,सबको समीर ,छाया और फल देता है ."नेकी कर दरिया में डाल" का मुखर रूप हैं आप .बधाई आपके व्यक्तित्व और कृतित्व को . http://veerubhai1947.blogspot.com/
जवाब देंहटाएंबुधवार, १० अगस्त २०११
सरकारी चिंता .
http://sb.samwaad.com/
ऑटिज्म और पर्यावरणीय प्रभाव। Environment plays a larger role in autism.
Posted by veerubhai on Wednesday, August 10
nihayat khoobsoorat andaj me jb koi bat lb pr aati hai tb aisa hi kuchh samne ujagr ho jata hai jaisa aapki is kvita me ujagr ho gya hai .
जवाब देंहटाएंwah !
प्रेमाभिव्यक्ति में आपका कोइ सानी नहीं है.हमेशा की तरह उम्दा गीत.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी रचना है!
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएँ *****
मनमोहक जादू.. मुग्ध कर रही है रचना...
जवाब देंहटाएंवाह,मन्त्र मुग्ध कर देने वाली romantic रचना.क्या बात है.
जवाब देंहटाएंबहुत ही खूबसूरत रचना!
जवाब देंहटाएंआइना देखूं चेहरा तेरा नजर आता है ,........
जवाब देंहटाएंकृपया यहाँ भी आपकी मौजूदगी अपेक्षित है -http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/2011/08/blog-post_9034.हटमल
Friday, August 12, 2011
रजोनिवृत्ती में बे -असर सिद्ध हुई है सोया प्रोटीन .
http://veerubhai1947.blogspot.com/
बृहस्पतिवार, ११ अगस्त २०११
Early morning smokers have higher cancer रिस्क.
बहुत सुन्दर सारगर्भित रचना , सुन्दर भावाभिव्यक्ति , आभार
जवाब देंहटाएंरक्षाबंधन एवं स्वाधीनता दिवस के पावन पर्वों की हार्दिक मंगल कामनाएं.
आशुतोष मिश्र आशू जी,
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद।
मेरे गीत को पसन्द करने के लिए हार्दिक आभार...
इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
वीरूभाई जी,
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद।
विचारों से अवगत कराने के लिए आभार..
राजवन्त राज जी,
जवाब देंहटाएंइस उत्साहवर्द्धन के लिए अत्यन्त आभारी हूं।
आपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
सपना निगम जी,
जवाब देंहटाएंमेरे गीत को पसंद करने के लिये बहुत-बहुत आभार एवं धन्यवाद...
अमरेन्द्र अमर जी,
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद...
अरुण चन्द्र रॉय जी,
जवाब देंहटाएंअत्यन्त आभारी हूं आपकी......
विचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद.
कुंवर कुसुमेश जी,
जवाब देंहटाएंयह जानकर सुखद अनुभूति हुई कि आपको मेरा गीत पसन्द आया। आपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
'साहिल' जी,
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह मेरे गीत को मिला..यह मेरा सौभाग्य है.
वीरूभाई जी,
जवाब देंहटाएंआमन्त्रण के लिए आभार....
एस एन शुक्ला जी,
जवाब देंहटाएंअनुगृहीत हूं आपकी आत्मीय टिप्पणी के लिए...
रक्षाबंधन एवं स्वाधीनता दिवस के पावन पर्वों पर आपको भी हार्दिक शुभकामनाएं...
HypnoBirthing: Relax while giving birth?
जवाब देंहटाएंhttp://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
व्हाई स्मोकिंग इज स्पेशियली बेड इफ यु हेव डायबिटीज़ ?
"बिन तुम्हारे आजकल तो ,शाम की आहट अखरती" ,प्रवासी के गीतों का दर्द उभरता है इस गीत संगीत में -"भोर होते कौन जाने छा गई कैसी उदासी ,क्या किसी की याद आई ,ओ !विरह व्याकुल प्रवासी . हर पंक्ति में कराहट विरह का अलाव सुलगता सा ,क्या कहने हैं आपके -बिन तुम्हारे आजकल तो रात भी पहलू बदलती ,दीप की बाती सुलगती
वीरूभाई जी,
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद !
Swatantrata Diwas kee anek mangal kamnayen!
जवाब देंहटाएंमुबारक हो वर्षा जी प्यार का जादू यूहीं ताजिंदगी चढा रहे यही शुभकामनाएँ. उम्दा प्रस्तुति.स्वतन्त्रता दिवस की अनेक शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंरात सिलवट पर गुज़रती ...
जवाब देंहटाएंगज़ब के शब्द सजाये हैं आपने इस विरह रचना में ... प्रेम की फुहारी चल रही है जैसे ...
क्षमा जी,
जवाब देंहटाएंअत्यन्त आभारी हूं आपकी......
विचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद.
रचना दीक्षित जी,
जवाब देंहटाएंमेरे गीत को पसन्द करने के लिए हार्दिक आभार...
दिगम्बर नासवा जी,
जवाब देंहटाएंयह जानकर सुखद अनुभूति हुई कि आपको मेरा गीत पसन्द आया। आपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
सुन्दर!
जवाब देंहटाएंवो खुद है खुदा की जादूगरी
फिर चलता जादू टोना क्या
जो होनी थी वह हो के रही
अब अनहोनी का होना क्या
उम्दा प्रस्तुति,स्वतन्त्रता दिवस की अनेक शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंस्वाधीनता दिवस की हार्दिक मंगलकामनाएं।
जवाब देंहटाएंअनुराग शर्मा जी,
जवाब देंहटाएंआपकी काव्यात्मक टिप्पणी के लिए हार्दिक आभार...
सुनील कुमार जी,
जवाब देंहटाएंमेरे गीत को पसन्द करने के लिए हार्दिक आभार...
स्वाधीनता दिवस के पावन पर्व पर आपको भी हार्दिक शुभकामनाएं...
विजय माथुर जी,
जवाब देंहटाएंस्वाधीनता दिवस के पावन पर्वों पर आपको भी हार्दिक शुभकामनाएं...
खुद को जान लेना एक बड़ी उपलब्धि है...आपको मालूम है कि आपको क्या चाहिए...एक सुखद रचना...स्वतंत्रता दिवस कि हार्दिक शुभकामनाएं स्वीकार करें...
जवाब देंहटाएंप्रेम की अलौकिक अभिव्यक्ति डॉ० वर्षा जी बहुत -बहुत बधाई और शुभकामनाएं |इतने सुंदर चित्र मत लगाया करिये मन भटक जाता है लेकिन गीत शानदार है इसलिए भटका नहीं |
जवाब देंहटाएंवाणभट्ट जी,
जवाब देंहटाएंयह जानकर सुखद अनुभूति हुई कि आपको मेरा गीत पसन्द आया। आपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
स्वाधीनता दिवस के पावन पर्व पर आपको भी हार्दिक शुभकामनाएं...
जयकृष्ण राय तुषार जी,
जवाब देंहटाएंआपकी सह्रदयतापूर्ण टिप्पणी के लिए हार्दिक आभार...
खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार. स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें...
जवाब देंहटाएंसादर,
डोरोथी.
डॉ वर्षा सिंह जी यादें होती ही ऐसी हैं ..हंसा देती हैं रुला देती हैं..दिल में एक दिया जला देती हैं ...शाम की आहट क्यों न आखर जाए ......
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभ कामनाएं
भ्रमर ५
प्यार के कोमल भावों को शब्दों में ढाल दिया आपने . सुंदर रसभीनी रचना ।
जवाब देंहटाएंप्रेम के कोमल भावों को शब्दों के अति सुन्दर मोतियों से सजाया आपने ...प्रेम पगी अनुपम कब्यांजलि ..शुभ कामनाएं एवं हार्दिक अभिनन्दन !!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर कविता है वर्षा जी.
जवाब देंहटाएंआज़ादी की सालगिरह मुबारक़ हो.
सावनी रंग में रंगी सुन्दर भावमयी रचना
जवाब देंहटाएंडोरोथी जी,
जवाब देंहटाएंमेरे गीत को पसन्द करने के लिए हार्दिक आभार...
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल जी,
जवाब देंहटाएंमेरे गीत को पसन्द करने के लिए हार्दिक आभार...
आशा जोगळेकर जी,
जवाब देंहटाएंआपकी सह्रदयतापूर्ण टिप्पणी के लिए हार्दिक आभार...
श्रीप्रकाश डिमरी जी,
जवाब देंहटाएंअत्यन्त आभारी हूं आपकी......
विचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद.
वन्दना अवस्थी दुबे जी,
जवाब देंहटाएंअनुगृहीत हूं आपकी आत्मीय टिप्पणी के लिए...
श्याम सखा 'श्याम' जी,
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद।
मेरे गीत को पसन्द करने के लिए हार्दिक आभार...
इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
सुन्दर भावाभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंआप से निवेदन है इस लेख पर आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया दे!
तुम मुझे गाय दो, मैं तुम्हे भारत दूंगा
Hriday ka udgaar bada hi khubsurat ban pada hai . shubhkamna
जवाब देंहटाएंआप को बहुत बहुत धन्यवाद की आपने मेरे ब्लॉग पे आने के लिये अपना किमती समय निकला
जवाब देंहटाएंऔर अपने विचारो से मुझे अवगत करवाया मैं आशा करता हु की आगे भी आपका योगदान मिलता रहेगा
बस आप से १ ही शिकायत है की मैं अपनी हर पोस्ट आप तक पहुचना चाहता हु पर अभी तक आप ने मेरे ब्लॉग का अनुसरण या मैं कहू की मेरे ब्लॉग के नियमित सदस्य नहीं है जो में आप से आशा करता हु की आप मेरी इस मन की समस्या का निवारण करेगे
आपका ब्लॉग साथी
दिनेश पारीक
http://kuchtumkahokuchmekahu.blogspot.com/
Sawai Singh Rajpurohit ji,
जवाब देंहटाएंThank you for visiting my blog!
I thoroughly am enjoying reading yours!
Amrita Tanmay ji,
जवाब देंहटाएंThanks for your comments.
Hope you will be give me your valuable response on my future posts.
Dinesh pareek ji,
जवाब देंहटाएंThanks for your invitation.
I am now following your blog.
बिन तुम्हारे आज कल तो, शाम की आहट अखरती.
जवाब देंहटाएंवाह !!!! क्या पंक्तियाँ हैं.बिल्कुल नूतन.
नमस्कार....
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर लेख है आपकी बधाई स्वीकार करें
मैं आपके ब्लाग का फालोवर हूँ क्या आपको नहीं लगता की आपको भी मेरे ब्लाग में आकर अपनी सदस्यता का समावेश करना चाहिए मुझे बहुत प्रसन्नता होगी जब आप मेरे ब्लाग पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएँगे तो आपकी आगमन की आशा में पलकें बिछाए........
आपका ब्लागर मित्र
नीलकमल वैष्णव "अनिश"
इस लिंक के द्वारा आप मेरे ब्लाग तक पहुँच सकते हैं धन्यवाद्
1- MITRA-MADHUR: ज्ञान की कुंजी ......
2- BINDAAS_BAATEN: रक्तदान ...... नीलकमल वैष्णव
3- http://neelkamal5545.blogspot.com
अरुण कुमार निगम जी,
जवाब देंहटाएंमेरे गीत को पसन्द करने के लिए हार्दिक आभार...
नीलकमल वैष्णव "अनिश" जी,
जवाब देंहटाएंमेरे गीत को पसन्द करने के लिएबहुत-बहुत धन्यवाद।
इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
मन की बात मन ही जाने. बहुत सुन्दर.
जवाब देंहटाएंअबनीश सिंह जी,
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद।
मेरे गीत को पसन्द करने के लिए हार्दिक आभार...
सुन्दर भावनात्मक रचना !
जवाब देंहटाएंIndranil Bhattacharjee ji,
जवाब देंहटाएंYour most welcome in my blog.
Hearty thank you for the comment.
sundar bhavon ko samete khubsurat rachna..
जवाब देंहटाएंआपकी रचनाओं में नदी का बहाव और सागर की गहराई समाहित होती है !
जवाब देंहटाएंआभार!
अक्षय-मन जी,
जवाब देंहटाएंमेरे गीत को पसन्द करने के लिए हार्दिक आभार...
ज्ञानचंद मर्मज्ञ जी,
जवाब देंहटाएंआपकी सह्रदयतापूर्ण टिप्पणी के लिए हार्दिक आभार...
वर्षा जी
जवाब देंहटाएंसबसे पहले तो मैं यही कहूँगा कि आज मुझे लगा कि इस ब्लॉग को पहले क्यों नहीं देखा.
भावों से भरी दिल को छू लेती कविता और मुखर चित्र जो भावों को और भी स्पष्ट व स्पंदित कर देते है.
मैं भी कवितायेँ लिखता हूँ और कुछ कुछ इसी शैली की. इसलिए विशेष बधाई.
बहुत ही सुन्दर भाव....!
जवाब देंहटाएंएक याद ही तो है जालिम जो सबसे ज्यादा सताती है..
जवाब देंहटाएंएक स्वतन्त्र नागरिक जी,
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह मेरे गीत को मिला....यह मेरा सौभाग्य है.
आत्मीय टिप्पणी के लिए अत्यंत आभार....
अरविन्द जांगिड जी,
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद।
मेरे गीत को पसन्द करने के लिए हार्दिक आभार...
प्रतीक माहेश्वरी जी,
जवाब देंहटाएंमेरे गीत पर प्रतिक्रिया देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
सुन्दर प्रस्तुति. कभी कभी अपने आप से ही प्यार हो जाता है.
जवाब देंहटाएंP.N. Subramanian ji,
जवाब देंहटाएंHearty thank you for the comment.
Always welcome your comments on my blogs.
सुन्दर गीत।
जवाब देंहटाएंneh se bhari ek khoobsurat rachna
जवाब देंहटाएंshubhkamnayen
Babli ji,
जवाब देंहटाएंThanks...
आचार्य परशुराम राय जी,
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह मेरे गीत को मिला....यह मेरा सौभाग्य है.
आत्मीय टिप्पणी के लिए अत्यंत आभार....
prritiy---------sneh ji,
जवाब देंहटाएंThanks...
bhut sundar n mnvawan rcna.
जवाब देंहटाएंNISHA MAHARANA ji,
जवाब देंहटाएंThanks for your comments.
Hope you will be give me your valuable response on my recent posts.
Padhu ji,
जवाब देंहटाएंWELCOME on My BLOG.
I am very glad to see your comment on my poem. Hearty thanks.