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गुरुवार, मार्च 16, 2017

‘‘बुंदेलखण्ड की कवयित्रियां’’ ग्रंथ में डॉ वर्षा सिंह का परिचय एवं ग़ज़लें

Bundel Khand Ki Kavyitriyan
अपनी एक ग़ज़ल यहां दे रही हूं जो प्रकाशित हुई है ‘‘बुंदेलखण्ड की कवयित्रियां’’ ग्रंथ में। इस ग्रंथ में मेरी और मेरी बहन डॉ शरद सिंह का परिचय एवं ग़ज़लें भी शामिल हैं। बुंदेली साहित्य परम्परा के संदर्भ में महत्वपूर्ण ग्रंथ है यह।
इसका संपादन किया है वरिष्ठ साहित्यकार हरिविष्णु अवस्थी जी ने और प्रकाशित किया है श्री वीरेन्द्र केशव साहित्य परिषद् टीकमगढ़ की ओर से सरस्वती साहित्य संस्थान, इलाहाबाद ने।


हरिविष्णु अवस्थी जी का आभार एवं उन्हें हार्दिक बधाई!

Bundel Khand Ki Kavyitriyan - Dr Varsha Singh

बुधवार, मार्च 08, 2017

Happy Women's Day 2017

औरत फूल है, खिलती है, सुकूं देती है
ज़िन्दगी में इक नई जान सी भर देती है
औरत  टूटे न, कोशिश ये हमेशा करना
औरत  उम्मीद के सूरज को सहर देती है
- डॉ वर्षा सिंह