शुक्रवार, दिसंबर 28, 2018

यूं ही - डॉ. वर्षा सिंह


कभी- कभी
यूं ही
शब्द बुन देते हैं
कविताएं

और
बह निकलती हैं
भावनाएं
कभी-कभी
यूं ही

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें